हरभजन सिंह-एंड्रयू साइमंड, मंकी गेट विवाद
भारतीय क्रिकेट इतिहास में मंकीगेट विवाद सबसे मशहूर स्लेजिंग विवादों में से एक है। जब साल 2008-09 में भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर पहुंची थी। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान सिडनी में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच में हरभजन सिंह और एंड्रयू सायमंडस के बीच काफी कहा सुनी हो गई थी, जो कि मंकी गेट विवाद के नाम से मशहूर है। यह विवाद इतना चर्चा में आया था कि हरभजन को अगले 3 महीने के लिये बैन कर दिया गया।
सायमंड ने दावा किया था कि मैदान पर बहस के दौरान हरभजन ने उन्हें बंदर कह कर पुकारा था, हालांकि आगे चलकर हरभजन ने साफ किया कि उन्होंने सायमंड को कभी भी बंदर नहीं कहा था बल्कि पंजाबी में जवाब दिया था।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माय वे' में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना को बेवजह तूल दिया गया। यदि तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और मैच रैफरी माइक प्रॉक्टर चाहते तो यह मामला इतना बढ़-चढ़कर सामने नहीं आता।
इशांत शर्मा - स्टीव स्मिथ (Ishant Sharma- Steve Smith)
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्लेजिंग का यह दूसरा मामला भी भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया भारत दौरे पर खेलने आई थी जिसे टीम ने 2-1 से सीरीज को अपने नाम किया था। इस सीरीज के दूसरा मैच बेंगलुरु के चिदंबरम क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा था। इस मैच के दौरान इशांत शर्मा और स्टीव स्मिथ के बीच काफी स्लेजिंग देखने को मिली। इस मैच में इशांत शर्मा ने स्टीव स्मिथ को कई बार अपनी गेंद से बीट किया।
हालांकि इस मैच का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें वह अजीबो-गरीब शक्ल बनाते दिखे। उनका चेहरा इतना फनी था कि खुद विराट कोहली भी इसे देखकर मुस्कुरा उठे थे। लेकिन इशांत शर्मा की यह हरकत स्टीव स्मिथ क पसंद नहीं आई और उन्होंने आगे बढ़कर इशांत को बल्ला दिखाया। जिसके बाद विराट कोहली और अंपायरों ने बीच बचाव किया।
युवराज सिंह- एंड्रयू फ्लिंटॉफ (2007 T20 विश्व कप)
साल 2007 के पहले टी20 विश्व कप को तो शायद ही कोई फैन भूल सकता है, खास तौर से भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मैच को, जिसमें भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह और इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बीच तीखी बहस हो गई थी और इस बहस के बाद युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार 6 छक्के लगाने का कारनामा किया था।
युवराज ने बाद में उस स्लेजिंग का खुलासा करते हुए बताया था कि फ्लिंटॉफ ने उन्हें मैदान पर ओवर के बीच में गला काटने की धमकी दी थी, जिस पर भारतीय बल्लेबाज ने भी गर्मजोशी से जवाब दिया था। फिर अंपायरों ने बीच-बचाव करके इस मामले को सुलझाया।
युवराज ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मेरे दिमाग में कभी 6 छक्के लगाने का ध्यान आया ही नहीं था। एंड्रयू फ्लिंटॉफ से जो मेरी बहस हुई, उससे बहुत गुस्सा आया। मैंने फ्लिंटॉफ के ओवर में लगातार दो चौके जमाए थे। उसको वह सहन नहीं हुआ। ओवर खत्म होने के बाद मैं धोनी से बात करने जा रहा था। तब उसने मुझे कहा कि ये बेकार शॉट था। हम दोनों के बीच फिर बहस शुरू हो गई। हमने एक-दूसरे को उलटा-सीधा कहा। फिर फ्लिंटॉफ ने मुझसे कहा कि बाहर आ तेरा गला काट दूंगा। मैंने भी गर्मजोशी से जवाब दिया कि ये बल्ला देख रहा है। बाहर की बात तो बाद में, पता है न कि बल्ला कहां जाएगा। फिर अंपायरों ने आकर बीच-बचाव किया। मैंने उन्हें बताया कि विवाद की शुरुआत फ्लिंटॉफ ने की।'
युवराज ने आगे कहा, 'इसके बाद मैं काफी उत्तेजित हो गया था। मेरे दिमाग में तब गेंद को मैदान से बाहर मारने का विचार आने लगा। लकी रहा कि ब्रॉड की पहली ही गेंद पर छक्का जमाने में कामयाब हुआ। आज भी जब पहली गेंद पर जमाया छक्का देखता हूं तो विश्वास नहीं होता कि इतना लंबा छक्का कैसे चला गया। मुझे लगता है कभी-कभी कि कैसे ये मार दिया। फिर दो छक्के और लगे। चौथा छक्का प्वाइंट पर गया। मैंने प्वाइंट पर चौका नहीं जमाया था, वो छक्का चला गया। मुझे लगा कि मेरा दिन है।'