किसी और को नहीं खुद को साबित करना है
मैच के बाद जडेजा ने कहा ,‘मुझे दुनिया में किसी को कुछ साबित नहीं करना है। मैं खुद को साबित करना चाहता था कि मैं अभी भी सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल सकता हूं । मेरे लिये यह पारी काफी अहम थी क्योंकि यह निर्णायक मैच था और बल्लेबाजी के लिये विकेट काफी उम्दा था। हमें बस गेंद को देखकर खेलना था।'
उन्होंने कहा ,‘मैं इस साल ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेल सका हूं लेकिन जब भी मौका मिला गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।'
फील्डिंग के स्तर में करना होगा सुधार
रविंद्र जडेजा ने 6 गेंद में नाबाद 17 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर की भी तारीफ की और कहा ,‘ हमारे लिये आखिरी गेंद तक खेलना अहम था और हमें पता था कि अगर हम ऐसा कर जाते हैं तो मैच हम ही जीतेंगे।'
जडेजा ने सीरीज के दौरान भारतीय टीम के खराब फील्डिंग स्तर को स्वीकार करते हुए कहा कि हमें काफी मेहनत करनी होगी।
उन्होंने कहा ,‘पूरी श्रृंखला में कई कैच छूटे । हमारी फील्डिंग के स्तर को देखते हुए ऐसा नहीं होना चाहिये था । दूधिया रोशनी में ओस के कारण ऐसा हो जाता है । कैच छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है । अगली श्रृंखला में इस पहलू पर ध्यान देना होगा ।'
जब मांजरेकर ने कहा था 'बिट्स एंड पीसेज' में खेलने वाला खिलाड़ी
गौरतलब है कि रविंद्र जडेजा एमएस धोनी की कप्तानी छोड़ने के बाद से ही भारतीय टीम के सीमित ओवर्स प्रारूप का नियमित हिस्सा नहीं थे लेकिन 2019 विश्व कप से पहले वह टीम का हिस्सा बने। विश्व कप के दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने 'बिट्स एंड पीसेज' में खेलने वाला खिलाड़ी बताया था, जिसका जवाब जडेजा ने अपने बल्ले से दिया।
रविंद्र जडेजा ने विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 59 गेंदों में 77 रन की पारी खेली थी और भारतीय टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था।