नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच ठप्प पड़े क्रिकेट के खेल को फिर से शुरु करने के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने शुक्रवार को ताजा दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसको लेकर दुनिया भर के खिलाड़ियों से मिले-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। वहीं इसको लेकर आईसीसी की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने साफ किया है कि खिलाड़ियों को इससे इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है। गेंद को चमकाने के लिये लार पर बैन लगाने से लगाये गये कदम से लेकर अन्य सभी कदम सिर्फ बचाव के तौर पर लिये गये हैं।
कुंबले ने साफ किया कि जैसे ही चीजें दोबारा सामान्य हो जाते हैं वैसे ही इन नियमों को हटाकर पुराने नियमों को बहला कर दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली क्रिकेट समिति ने कोरोना वायरस से बचाव के लिये गेंद पर लार के इस्तेमाल पर बैन लगाने की सिफारिश की है।
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अनिल कुंबले ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में बात करते हुए कहा, 'यह सिर्फ अंतरिम उपाय है और उम्मीद करते हैं कि कुछ महीनों या एक साल में चीजें नियंत्रित होंगी और मुझे लगता है कि जैसे ही चीजें पहले की तरह सामान्य होंगी पुराे नियमों को बहाल कर दियया जायेगा।'
गौरतलब है कि गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर बैन लगाने को लेकर गेंदबाजों की तरफ से मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है। ऐसे में ज्यादा तर गेंदबाजों को मानना है कि इससे उनकी स्विंग को हासिल करने की क्षमता पर असर पड़ेगा। इस बीच गेंद को चमकाने के लिये वैक्स को इस्तेमाल करने की बात पर भी विचार चल रहा है। कुंबले ने इस बात को लेकर भी बताया कि ऐसा करने से क्या फर्क पड़ सकता है।
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उन्होंने कहा, 'अगर आप खेल के इतिहास को देखो, मेरे कहने का मतलब है कि हम काफी आलोचनात्मक रहे हैं और बाहरी पदार्थों को खेल में आने से रोकने पर हमारा काफी ध्यान रहा है। अगर आप इसे वैध करने जा रहे हैं तो आप उन चीजों को नजरअंदाज करने जा रहे हैं जिनका सीधा असर पिछले कुछ सालों में हम पर पड़ा है।'
गौरतलब है कि पूर्व भारतीय कप्तान ने इस दौरान साल 2018 में हुए बॉल टैम्परिंग वाक्ये का हवाला भी दिया, जिसके चलते ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर एक साल का बैन देखने को मिला था।
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उन्होंने कहा, 'साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज के दौरान जो हुआ उस पर आईसीसी ने फैसला किया लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इससे भी कड़ा रुख अपनाया इसलिए हमने इस पर भी विचार किया।'