नई दिल्ली। क्रिकेट इतिहास में कई तरह के अजीबो-गरीब वाक्या देखने को मिलते रहे हैं। कई मौकों पर खिलाड़ियों ने टीम की हार को टाला है तो कई बार मौसम ने, लेकिन क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा भी मैच हुआ था जिसमें स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने टीम की हार को टाल दिया। क्रिकेट इतिहास में यह वाक्या 3 मई 1978 को हुआ था जब ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच जमैका के किंग्स्टन मैदान पर खेला गया था, जहां पर ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत के बेहद करीब थी लेकिन दर्शकों के चलते वेस्टइंडीज की टीम हार से बच गई।
ऑस्टेलिया की टीम कैरिबियाई दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिये पहुंची थी जहां पर वह अपना 5वां और आखिरी टेस्ट मुकाबला जमैका के मैदान पर खेल रही थी। ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान बॉब सिम्पसन के लिये यह करियर का आखिरी मैच था। 28 अप्रैल 1978 से शुरू हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 343 रन बनाये।
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ऑस्ट्रेलिया के लिये पहले बल्लेबाजी करते हुए पीटर टूहे ने 122 रनों की पारी खेली, जिसके जवाब में वेस्टइंडीज की ओर से लैरी गोम्स (115) ने शतक लगाया लेकिन पूरी टीम महज 280 रन बनाए। उस दौरान टेस्ट मैच में एक रेस्ट डे भी होता था जो इस मैच के दौरान 1 मई रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दूसरी पारी में 3 विकेट पर 305 रन बनाए और पारी घोषित कर वेस्ट इंडीज को 369 रन का टारगेट दिया।
विंडीज की टीम दूसरी पारी में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और चौथे दिन की शाम तक 9 विकेट खोकर 258 रन बना लिये थे। वेस्टइंडीज के कप्तान कालीचरण ने दूसरी पारी में 126 रन बनाये लेकिन कोई और खिलाड़ी उनका साथ न दे सका। ऑस्ट्रेलिया की टीम जीत के एकदम करीब थी लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया को जीत नहीं मिल सकी।
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चौथे मैच के आखिरी दिन जब ऑस्ट्रेलिया ने वैनबर्न होल्डर के रूप में अपना नौंवा विकेट लिया तभी दर्शकों ने उत्पात मचाना शुरु कर दिया। दरअसल वैनबर्न होल्डर को जिम हिंग्स की गेंद पर रिक्सन ने लपका और अंपायर ने आउट दिया। हालांकि वहां मौजूद दर्शकों को यह फैसला पसंद नहीं आया और उन्होंने मैदान पर बोतल, कुर्सियां और पत्थर फेंकने शुरु कर दिये।
मैच अगले दिन आसानी से समाप्त हो जाता लेकिन चौथे दिन दर्शकों के मचाये उत्पात के चलते एक अंपायर राफ गोसेन ने मैदान पर खड़ा होने से ही मना कर दिया, जिसके बाद मैच को ड्रॉ करके समाप्त करना पड़ा।