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साथी के थ्रो ने सोफी को किया चोटिल
उल्लेखनीय है कि मैकॉय के हारुप पार्क में खेले गये इस आखिरी मैच में सोफी ने शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत के चेज को मुश्किल तो बनाया लेकिन फील्डिंग के दौरान अपनी साथी खिलाड़ी के थ्रो के चलते चोटिल होने के बाद जब वो दोबारा मैदान पर फील्डिंग करने उतरी तो ट्विटर पर फैन्स उनके साहस के मुरीद हो गये।
मैच में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 39वें ओवर की आखिरी गेंद पर हुई जब एनाबेल सदर्लैंड की गेंद पर दीप्ती शर्मा के बल्ले का टॉप एज लगा और गेंद फाइन लेग पर खड़ी स्टेला कैम्पबेल के पास पहुंचा। कैम्पबेल ने गेंद को पकड़ा और तेजी से स्ट्राइकर एंड पर फेंका। स्ट्राइकर एंड पर सोफी मोलिनेक्स स्टंप के पास खड़ी थी और गेंद पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
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चोटिल होने के बाद मैदान पर लौटी मॉलिनेक्स
दुर्भाग्य से गेंद उनके सामने से उछल गई और सीधा उनके चेहरे पर जा लगी। चोट इतनी गंभीर थी कि इस बायें हाथ की स्पिनर को मैदान से बाहर इलाज के लिये ले जाना पड़ा। गेंद जिस अंदाज से मॉलिनेक्स के चेहरे पर लगी उससे साफ था कि वो अब मैदान पर वापसी नहीं करेगी, लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने अपने मुंह पर पट्टी बांधकर कुछ ही देर में दोबारा मैदान पर वापसी की।
इतना ही नहीं इस स्पिन गेंदबाज ने वापसी करने के बाद भारतीय बैटर्स के खिलाफ बॉलिंग भी की और रन बनाने में मुश्किलें पैदा की। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम लक्ष्य को बचा पाने में नाकाम रही और टीम को हार का सामना करना पड़ा। मॉलिनेक्स स्पेल ने अपनी गेंदबाजी के दौरान 9.3 ओवर्स फेंके और 41 रन देकर शैफाली वर्मा का अहम विकेट हासिल किया।
भारतीय टेलएंडर्स ने जिताया मैच
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए एश्ले गार्डनर, बेथ मूनी और ताहिला मैक्ग्रा की अहम पारियों के दम पर 9 विकेट खोकर 264 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारतीय महिला टीम के लिये झूलन गोस्वामी और पूजा वस्त्राकार ने 3-3 विकेट हासिल किये।
जवाब में भारतीय महिला टीम के लिये स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा और यशिका भाटिया ने शानदार आगाज किया लेकिन मध्यक्रम बीच में लड़खड़ा गया। हालांकि भारतीय महिला टीम के निचले क्रम ने मैच का रुख फिर से भारत के पक्ष में किया और मैच को 2 विकेट से जिता दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया।