पूरा नहीं किया जाएगा भुगतान
दरअसल, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आईपीएल के दूसरे चरण से बाहर होने पर विदेशी खिलाड़ियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उदाहरण के लिए, पैट कमिंस, जिन्हें रिकॉर्ड 15.5 करोड़ रुपए में अनुबंधित किया गया था, उन्हें केवल 7.75 करोड़ (आधी राशि) का भुगतान किया जाएगा यदि वह टी 20 लीग के शेष सत्र में शामिल नहीं होते हैं। अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को सभी मैचों को पूरा नहीं करने पर प्रो-राटा आधार पर वेतन दिया जाएगा।
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फ्रेंचाइजी के पास हैं अधिकार
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, "हां यह सही है, अगर वे (विदेशी खिलाड़ी) आईपीएल के लिए यूएई नहीं जा सकते हैं, तो फ्रेंचाइजी उनके वेतन में कटौती करने और उन्हें केवल प्रो-राटा के आधार पर भुगतान करने के अपने अधिकार में होंगे।" अधिकारी ने इस बात को साफ किया कि जब किसी खिलाड़ी को नीलामी के दौरान खरीदा जाता है, तो उसे फिर पूरा सीजन खेलना पड़ता है। इसलिए, कमिंस को आईपीएल 2021 सीजन के लिए पूरे 15.5 करोड़ मिलने वाले थे, लेकिन अब कम मिलेंगे।
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12 महीने में किया जाता है भुगतान
खिलाड़ियों को 12 महीने की अवधि में किश्तों में भुगतान किया जाता है और चोट के कारण खेल से बाहर होने पर पूरी तरह से भुगतान किया जाता है। हालांकि, आनुपातिक आधार का पालन तभी किया जाता है जब कोई खिलाड़ी उसे सीजन के लिए अनुपलब्ध बनाता है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब आईपीएल इंडिया की बजाए किसी दूसरे देश में शिफ्ट हो रहा है। इससे पहले 2014 में टूर्नामेंट का पहला चरण यूएई में करवाया गया था। कोरोना वायरस महामारी के बीच आईपीएल 13 का आयोजन 6 महीने देरी से यूएई में ही हुआ था।