नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज चेतन शर्मा उन महान बॉलर्स में से एक हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में काफी नाम कमाया है। चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के पहले गेंदबाज हैं जिसने भारत के लिये 1987 विश्व कप में हैट्रिक लेने का कारनामा किया था। इसके बाद वह दुनिया भर के क्रिकेट प्रमियों के बीच मशहूर हो गये थे। चेतन शर्मा ने अपने करियर के दौरान कई ऐतिहासिक मैचों में शिरकत की है। हालांकि इसमें कई अच्छी यादों के साथ कुछ बुरी यादें भी हैं।
चेतन शर्मा का कद कुछ खास लंबा नहीं था लेकिन बावजूद इसके वह अपनी रफ्तार से अच्छे खासे बल्लेबाजों की नींद उड़ा देते थे। चेतन शर्मा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एप हेलो से बात करते हुए अपने करियर के उस खौफनाक मैच के बारे में बताया जिसमें जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का मारकर पाकिस्तान को जीत दिला दी थी।
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उल्लेखनीय है कि 1986 में खेले गये ऑस्ट्रेल-एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को जीत दिला दी थी।
हेला ऐप पर बात करते हुए चेतन शर्मा ने कहा,' उस ओवर के पहले ही मैंने अपने करियर की सबसे बेस्ट गेंदबाजी की थी, जिसके चलते ही कपिल देव ने मुझे गेंदबाजी के लिए बुलाया था। उस वक्त मेरी उम्र 20 साल थी। इस ओवर से 22 दिन पहले ही मैंने 16 विकेट लिए थे। अजहरुद्दीन से उस दिन रन आउट छूट गया था, मेरा काम कोशिश करनी थी, मैंने की, दबाव था, इसलिए लो फुलटॉस में गेंद तब्दील हो गई।'
इस मुद्दे पर बात करते हुए चेतन शर्मा ने अपने दिल की बात फैंस से कही और बताया कि उस मैच के बाद उनके साथ ड्रेसिंग रूम में क्या हुआ था।
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उन्होंने कहा,' भले ही हम उस मैच को हार गये हों लेकिन हार के बावजूद भी मेरी टीम बहुत सपोर्टिव थी। किसी सीनियर ने एक भी शब्द नहीं कहा। उसके बाद मेरा प्रदर्शन बेहतर होता चला गया।'