भारत को भेजनी चाहिये सदस्यीय टीम
एमएसके प्रसाद का मानना है कि अच्छा यही होगा कि बीसीसीआई को कम से कम 26 सदस्यीय मजबूत भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजनी चाहिये जहां भारत और 'ए' टीमों को एक महीने के लिये एक साथ रखा जा सकता है। इंग्लैंड में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिये पाकिस्तान 29 खिलाड़ियों (जिसमें सफेद गेंद के विशेषज्ञ भी शामिल) की टीम के साथ पहुंचा और वेस्टइंडीज की टीम में 26 खिलाड़ी हैं।
फरवरी तक चयन समिति प्रमुख रहे प्रसाद ने कहा, 'टीम प्रबंधन और सीनियर खिलाड़ियों के पास युवाओं को देखने का मौका होगा जो टीम में जगह बनाने के लिये तैयार हैं। इस प्रक्रिया में, आप इन खिलाड़ियों पर निगरानी भी रख सकते हो जो भविष्य में विभिन्न स्थानों के लिये संभावित खिलाड़ी हो सकते हैं।'
आइसोलेशन के दौरान आपस में खेल सकते हैं प्रैक्टिस मैच
इस 26 खिलाड़ियों की टीम से सुनिश्चित होगा कि भारत को दो ग्रुप में विभाजित किया जा सकता है और आइसोलेशन समय के दौरा एक अभ्यास मैच खेला जा सकता है।
प्रसाद ने कहा, 'कोविड के कारण हम नेट गेंदबाजों पर भरोसा नहीं कर सकते तो बड़े दल के साथ जाना आदर्श स्थिति होगी क्योंकि इससे हम सभी खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं क्योंकि वे जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में होंगे। अगर कोई कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो इस दल में खिलाड़ियों को चुना जा सकता है क्योंकि वे अनिवार्य पृथकवास समय बिता चुके होंगे।'
टीम के पास होगी अच्छी तैयारी
प्रसाद का मानना है कि यह मुख्य टीम के लिये अच्छी तैयारी होगी क्योंकि पहली पसंद वाले बल्लेबाजों के पास गेंदबाजी अभ्यास के लिये कई गेंदबाज होंगे।
उन्होंने कहा, 'यहां तक कि हमारे मुख्य गेंदबाजों के लिये, उनके पास भी गेंदबाजी के लिये नये बल्लेबाज होंगे। जैसे श्रेयस अय्यर काफी आक्रामक है और कभी कभार 'गैर पारंपरिक' हो सकता है। इसलिये वह काफी विविधता ला सकता है जो शायद आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के पास हों। कुछ रिजर्व तेज गेंदबाज भी आदर्श होंगे क्योंकि टीम के मुख्य गेंदबाज जैसे जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव नेट गेंदबाजों की अनुपस्थिति में थकेंगे नहीं। साथ ही अगर आईपीएल इस श्रृंखला से पहले होगा तो बड़ा दल ले जाना बेहतर होगा क्योंकि हमें 'बैक अप' के लिये तैयार होना चाहिए, कहीं कोई चोटिल हो जाये या फिर आईपीएल में ही हल्की चोट लगी हो।'