नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इन दिनों एक किताब लिखने में बिजी हैं। सौरव की ये किताब कोई बायोग्रफी नहीं है, बल्कि वो तो खेलों में माइंड गेम पर किताब लिख रहे हैं। एक किताब के लॉन्च मौके पर सौरव गांगुली ने ये बात मीडिया और अपने फैंस से शेयर की। उन्होंने कहा कि वो भले ही माइंड गेम पर किताब लिख रहे हैं, लेकिन ये काफी बोरिंग काम है। और यही कारण है कि वो कभी बायोग्रफी नहीं लिख पाएंगे।
भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने बताया कि उनकी ये किताब खिलाड़ी के माइंड गेम पर आधारित होगी। उन्होंने कहा, 'मुझसे खिलाड़ी के माइंडसेट पर किताब लिखने के लिए कहा गया था और मैंने पाया कि ये बहुत ही बोरिंग काम है। मुझसे किताब लिखने के लिए काफी समय से कहा जा रहा है लेकिन मैं एक अच्छा लेखक नहीं हूं।'
गांगुली ने कहा कि घंटों बैठ कर एक किताब लिखने उनके बस की बात नहीं है। 'बैठना और फिर लिखना, किसी और से लिखवाना और फिर उसकी गलतियां सुधारना। इस सबके बाद ये देखना कि वो समय पर पब्लिशर के पास पहुंच जाए, ये बहुत बोरिंग है।' लोगों का कहना है कि उनका करियर और ग्रेग चैपल के साथ उनका विवाद एक रोचक बायोग्रफी के लिए काफी है, लेकिन गांगुली इससे इत्तेफाक नहीं रखते। अपनी बायोग्रफी पर उन्होंने कहा कि उनके पास इतना समय और धैर्य नहीं है कि वो जिंदगी के 15-20 साल लिख पाएं।
उन्होंने कहा, 'मैं अपनी ऑटोबायोग्रफी के बारे में अभी सोचना भी शुरू नहीं किया है। मेरे पास इतना समय और धैर्य नहीं है। जब मैं कप्तान बना था को काफी लोग मुझसे पूछते थे कि क्या मैंने माइक ब्रेयरले की 'द आर्ट ऑप कैप्टंसी' या सुनील गावस्कर की 'येस ओनली द फ्रंट पेज' पढ़ी है?' आपको बता दें कि गांगुली को किताबें पढ़ने का कोई खास शौक नहीं है। हां उनकी किताब का उनके फैंस को बेसब्री से इंतजार जरूर है।
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