शाकिब का अहम विकेट
315 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बांग्लादेश सधे हुए अंदाज में आगे बढ़ रहा था। 33 ओवर में बांग्लादेश का स्कोर 5 विकेट पर 177 रन था। उस समय शाकिब अल हसन 70 गेंदों पर 65 रन कर खेल रहे थे। वे उसी अंदाज में बैटिंग कर रहे थे जैसे उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी। शाकिब के शानदार शतक के दम पर बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 322 रनों का लक्ष्य केवल 41.3 ओवर में ही हासिल कर लिया था। शाकिब की बैटिंग से भारतीय खेमे में चिंता बढ़ गई थी। भारत और जीत की राह में शाकिब दीवार की तरह खड़े थे। इस दीवार के रहते भारत की जीत मुमकिन नहीं थी। हार्दिक पांड्या बैटिंग में फेल हो गये थे। उन्होंने बॉलिंग में पूरी जान झोंक दी। पिच के मिजाज को देखर वे अपनी स्लोवर गेंदों का बहुत चालाकी से इस्तेमाल कर रहे थे। हार्दिक ने अपनी एक ऐसी ही स्लोवर से शाकिब को चकमा दिया और वे दिनेश कार्तिक को कैच दे बैठे। वे 66 रन बना कर आउट हुए। शाकिब के आउट होते ही बांग्लादेश की उम्मीदें दम तोड़ गयीं। हार्दिक ने नियमित अंतराल पर विकेट लेकर बांग्लादेश पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने 10 ओवरों में 60 रन देकर 3 विकेट लिए।
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बुमराह हैं तो सब मुमकिन
जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया के लिए वरदान हैं। भारत को जब -जब विकेट की सख्त जरूरत होती है, वे तब-तब उम्मीद पूरी करते हैं। हार्दिक ने शाकिब का विकेट लेकर बंगाल टाइगर की कमर तोड़ दी थी। लेकिन उसमें फिर भी जान बाकी थी। शब्बीर रहमान और सैफुद्दीन के रूप में जख्मी टाइगर दहाड़ रहा था। दोनों ने जब 56 गेंदों में ताबड़तोड़ 66 रन ठोक डाले तो मैच एक बार फिर भारत के हाथ से फिसलने लगा। 43 ओवर में बांग्लादेश का स्कोर 5 विकेट पर 245 रन था। जीत के लिए अंतिम 7 ओवरों में 70 रन बनाने थे। शब्बीर और सैफुद्दीन बेधड़क खेल रहे थे। इस जोड़ी को तोड़ना जरूरी था। 44 वें ओवर में कोहली ने एक फिर करिश्माई बुमराह को गेंद थमाई। करामाती बुमराह ने शब्बीर का डंडा उखाड़ कर टीम इंडिया पर राहत की बारिश कर दी।
आखिरी ओवर में बुमराह मैजिक
टाइगर घायल था फिर भी शिकारी सहमे हुए थे। वह तो टाइगर खुद जाल में फंस गया वर्ना कुछ भी हो सकता था। 48 वां ओवर बुमराह फेंक रहे थे। आठवें नम्बर पर बैटिंग कर रहे सैफुद्दीन तहलका मचाए हुए थे। 279 पर बांग्लादेश के 8 विकेट गिर चुके थे। सैफुद्दीन ने तीसरी गेंद पर चौका लगा कर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। उन्होंने 37 गेंदों में 50 रन बना कर भारतीय खेमे में खलबली मचा दी थी। उनके साथ क्रीज पर थे रुबेल हुसैन। अब बांग्लादेश को 15 गेंदों में 30 रन चाहिए थे। लेकिन यहीं सैफुद्दीन गलती कर बैठे। उन्होंने बुमराह की चौथी गेंद पर एक रन ले लिया। बांग्लादेश को 14 गेंदों पर 29 रन चाहिए थे। काम मुश्किल था, लेकिन नामुमकिन नहीं। अब रुबेल हुसैन को बुमराह सामना करना था। बुमराह की आखिरी दो गेंदें बांग्लादेश पर कहर बन टूटीं। गाइडेड मिसाइल की तरह दो लगातार यॉर्कर ठिकाने पर गिरीं और रुबेल, मुस्तफिजुर का काम तमाम हो गया। अगर रुबेल ने स्ट्राइक रोटेट कर दी होती तो विस्फोटक बल्लेबाजी कर रहे सैफुद्दीन मैच का रुख बदल सकते थे। लेकिन बुमराह ने ये मौका ही नहीं दिया।