क्या मैनचेस्टर में होगा मैजिक ?
क्रिकेट इतिहास में ओल्ड ट्रेफर्ड दुनिया का सबसे पुराना स्टेडियम है। साल 1956 में जिम लेकर का 90 रन देकर 19 विकेट लेना हो या फिर 1981 के एशेज में इयान बॉथम की पारी इस मैदान से क्रिकेट के कई शानदार इतिहास जुड़े हैं। इस मैदान पर 47 सालों के क्रिकेट इतिहास में अब तक कुल 47 ODI मुकाबले हुए हैं। टीम इंडिया ने इस मैदान पर अब तक कुल 8 ODI मुकाबले खेले हैं जिसमें 3 मुकाबलों में जीत मिली है। इस जीत में टीम इंडिया के नाम 20 साल पहले साल 1999 में वर्ल्ड कप मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत भी दर्ज है। टीम इंडिया ने पाकिस्तान को इस मुकाबले में 47 रनों से मात दी थी। द्रविड़ ने इस मुकाबले में सबसे अधिक 61 रन बनाए थे। टीम इंडिया ने 12 साल पहले यहां अपना आखिरी मुकाबला खेला था जिसमें भारतीय टीम को 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम वर्ल्ड कप में अब तक पाकिस्तान से कोई भी मुकाबला नहीं हारी है। यह भारत-पाक के बीच 7वां मुकाबला है क्या टीम इंडिया के लिए 47 साल में 47 ODI से जुड़े आंकड़े लकी साबित होंगे ?
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टॉस जीतना नहीं है फायदे का सौदा
वर्ल्ड कप 2019 में भले ही टीमें टॉस जीतना चाहती हों लेकिन ओल्ड ट्रेफर्ड के मैदान पर भारत और पाकिस्तान दोनों टीमें टॉस हारना चाहेंगी। इस मैदान पर आंकड़े टॉस जीतने वाली टीम के पक्ष में नहीं है। इस मैदान पर टॉस जीतने वाली टीमों ने सिर्फ 19 मैच जीते हैं जबकि 26 मैचों में हार मिली है वहीं एक मैच बारिश की वजह से रद्द हुआ है। यहां खेले गए 46 (जिसके परिणाम आए) मुकाबलों में 28 बार टीमों ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया है जो लगभग 61% है। इन 28 मुकाबलों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों में महज 10 बार टीमों को जीत मिली है। इस मैदान पर 27 बार चेज करते हुए टीमों को जीत मिली है वहीं महज 18 बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने जीत का स्वाद चखा है। इसलिए इस मैदान पर टीम टॉस हारकर चेज करना पसंद करेगी। टीम इंडिया ने 2018 से अब तक 22 मैचों में से 16 मैच चेज कर जीते हैं,ओल्ड ट्रेफर्ड पर आखिरी तीन मुकाबले टॉस हारने वाली टीमों ने ही जीते हैं। इसलिए दोनों टीमें यहां टॉस हारना चाहेंगे।
बल्लेबाज के लिए मुश्किल होगा मेनचेस्टर
मेनचेस्टर का ओल्ड ट्रेफर्ड क्रिकेट ग्राउंड बल्लेबाजों के लिए बहुत मुफीद नहीं होगा। इस पिच पर पहले बल्लेबाजी करते हुए औसत स्कोर 216 था जो 2010 के बाद 256 तक पहुंच गया। वर्ल्ड कप में अब तक बनी पिचों को देखकर कहा जा सकता है कि यहां भी हाई स्कोरिंग विकेट मिल सकता है। पहले इस मैदान पर 190 तक रन सफलता पूर्वक चेज किए जाते थे जो पिछले 9 सालों में घटकर 164 तक रह गया है। इस मैदान पर मात्र 3 बार 300 या उससे अधिक रनों का आंकड़ा पार किया गया है। पाकिस्तान ने इस मैदान पर 8 मुकाबले खेले हैं और उन्हें 2 मुकाबलों में जीत मिली है।
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