कौन होगा बैक-अप गेंदबाज
टीम इंडिया में अगर हालिया प्रदर्शन के दम पर किसी गेंदबाज को जगह मिलेगी तो वो हैं जसप्रीत बुमराह, उनके अलावा कोई भी गेंदबाज उस इम्पैक्ट और धार के साथ न तो ODI में गेंदबाजी करते दिख रहा है और न ही उनकी जगह पक्की है। आईपीएल में चोटिल हुए भुवनेश्वर टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं और फिटनेस के साथ उनमें आत्मविश्वास की भी कमी आई है। हाल के दिनों में अपनी स्विंग के लिए विख्यात भुवी या तो शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंदें फेंक रहे हैं या फिर स्ट्रगल करते दिख रहे हैं। क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो बुमराह और भुवनेश्वर टीम के ऑटोमैटिक चयनित खिलाड़ी होंगे लेकिन कौन होगा टीम का तीसरा तेज गेंदबाज और बॉलिंग डिपार्टमेंट में बैक-अप गेंदबाज, पढ़िए उन संभावितों की पूरी रिपोर्ट।
लेफ्ट आर्म पेसर होगा राइट
टीम इंडिया के लिए टेस्ट में गेंदबाजी के कई विकल्प हैं लेकिन जब ODI की बात आती है तो मैच जिताने वाली गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी पिछले दो-तीन सालों में कम मिले हैं। इस कड़ी में एक नाम ऐसा है जिसने एशिया कप में डेब्यू के बाद टीम इंडिया के खेमे में एक उम्मीद जगाई है। इस तेज गेंदबाज के पास अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव भले कम हो लेकिन उसने अब तक के अपने प्रदर्शन से क्रिकेट प्रशंसकों, चयनकर्ताओं और विश्लेषकों का दिल जीता है। यह गेंदबाज है राजस्थान के टोंक का खलील अहमद। जानिए आखिर इस खिलाड़ी को क्यों विश्व कप-2019 के संभावित खिलाड़यों में न सिर्फ जगह मिल सकता है बल्कि ये इंग्लैंड की तेज पिचों पर कहर बरपाते भी नजर आएंगे।
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क्यों होगा खलील का चयन
खलील खुर्शीद अहमद डेब्यू करने के मात्र डेढ़ महीने बाद ही ऐसा लग रहा है जैसे टीम इंडिया के स्थायी सदस्य हो गए हों। पिछले डेढ़ महीने में उन्होंने मात्र 6 ODI मुकाबले खेले हैं लेकिन इन मुकाबलों में उन्होंने तेज गेंदबाजी में एक अलग छाप छोड़ी है। 18 सितंबर को डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी में जहीर खान की झलक दिखती है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस गेंदबाज ने अपने आदर्श से गेंदबाजी के गुर सीखे हैं और जहीर के बाद भारतीय टीम में कोई भी बांए हाथ का तेज गेंदबाज नहीं है जो दांए और बाएं दोनों हाथों के गेंदबाज को परेशान कर सके। खलील में यह काबिलियत है। जहीर ने दो साल पहले ही इस गेंदबाज की जमकर तारीफ की थी।
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प्रदर्शन से मिलेगी जगह
टेनिस बॉल पर टेप बांधकर प्रैक्टिस करने वाला यह गेंदबाज भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नवोदित हो लेकिन विकेट के अंदर और बाहर तेज रफ्तार से स्विंग करने की कला की वजह से यह खिलाड़ी विराट के लिए बड़े मैच में वरदान साबित हो सकता है। अगर इनके हाल के प्रदर्शन की बात करें तो विंडीज के खिलाफ चौथे ODI में इस गेंदबाज ने न सिर्फ अपनी धार दिखाई बल्कि सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी कर महज 5 ओवर की गेंदबाजी में 13 रन देकर 3 अहम खिलाड़ियों को आउट किया वहीं पांचवें मैच में भी 7 ओवर की गेंदबाजी में 29 रन देकर दो बड़े विकेट चटकाए। अगर प्रदर्शन के लिए लाइन-लेंथ और दिशा की बात हो तो ये उमेश यादव से बेहतर दिखते हैं और विराट इन्हें लगातार मैच में मौका देकर इनका विश्वास भी बढ़ा रहे हैं। वर्ल्ड कप में जहीर का शिष्य उनका नाम रौशन करने को बेताब है। इस खिलाड़ी के नाम के आगे बहुत आंकड़े भले ही सुशोभित न हो रहे हों लेकिन यह खिलाड़ी एक इम्पैक्ट प्लेयर है और यह बड़े स्तर पर स्टार बनने को आतुर है।
एग्रेशन और पेस का मिश्रण
विंडीज के खिलाफ सीरीज जीत के बाद कप्तान कोहली ने भी दो खिलाड़ियों की तारीफ कर यह संकेत दे दिए हैं कि टीम इंडिया खलील को तीसरे तेज गेंदबाज को विकल्प के रूप में तैयार कर रही है, उन्होंने कहा कि 'नंबर-4 पर रायडू और तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर खलील के बारे में सोचा जा सकता है'। खलील रफ़्तार के साथ स्विंग में माहिर हैं जिससे उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की तेज पिचों पर काफी मदद मिलेगी और वो एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इस 20 वर्षीय खिलाड़ी को इतने छोटे अंतराल में ही ICC से एक बार फटकार लग चुकी है। एग्रेशन और पेस के मिश्रण से यह तेज गेंदबाज इंग्लैंड में विपक्षी टीम के लिए घातक साबित हो सकता है।
'वनवास' के बाद वापसी
टीम इंडिया में 442 दिनों के 'वनवास' के बाद एक और शानदार खिलाड़ी ने ब्लू जर्सी में वापसी की। चीते से तेज फूर्ति, झपट्टे मारकर गेंद पकड़ने और उससे कहीं तेज थ्रो कर खिलाड़ी को रन-आउट कर पवेलियन भेजने में माहिर जब इस खिलाड़ी ने ब्लू जर्सी पहन वापसी की तो ऐसा लगा उसके क्रिकेटिंग करियर को जीवनदान मिल गया हो। बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप में 10 ओवर में 29 रन देकर चार विकेट लेने वाले इस खिलाड़ी ने वापसी के बाद विश्व कप के लिए खुद को संभावितों की सूची में प्रबल दावेदार बताया है। एक नजर उन आकंड़ों पर जो इस बात का सबूत हैं कि आखिर क्यों यह खिलाड़ी वर्ल्ड कप की टीम इंडिया में अपनी जगह के लिए रास्ता बना रहा है।
जडेजा का शानदार कमबैक
हॉंगकॉंग के खिलाफ भले ही एशिया कप में मैच ड्रॉ हो गया हो लेकिन इस खिलाड़ी में एक बदलाव दिखा वो थी समझदारी से बल्लेबाजी। इंग्लैंड दौरे पर भी इस खिलाड़ी ने टेस्ट में कई शानदार पारियां खेली हैं और तब से इनके खेल और टेम्परामेंट में एक बड़ा बदलाव दिख रहा है. ये कोई और नहीं बल्कि सर रविंद्र जडेजा हैं, जी हां इसमें कोई दो राय नहीं कि यह खिलाड़ी भी ODI क्रिकेट में मिले 'जीवनदान' के बाद विश्व कप संभावितों में ऑल-राउंडर और एक गेंदबाज दोनों की हैसियत से एक प्रबल दावेदार हो सकता है। फिलहाल एक खिलाड़ी की कमी कप्तान कोहली को सबसे अधिक खल रही है वो हैं ऑल राउंडर की हैसियत से खेलने वाले हार्दिक पांड्या लेकिन अगर वो नियत समय पर फिट नहीं होते हैं तो इनका टिकट to इंग्लैंड तय है। इन्होंने विंडीज के खिलाफ खेले गए आखिरी ODI मुकाबले में भी 4 विकेट लिया और श्रृंखला जीतने में अहम भूमिका निभाई।
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क्या उमेश को मिलेगी तरजीह
टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने हाल में इंग्लैंड में संपन्न हुई टेस्ट श्रृंखला में विकेट चटकाने में रिकॉर्ड कायम किया था। उमेश यादव, मोहम्मद शमी, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह और इशांत शर्मा के पेस अटैक ने एक श्रृंखला में रिकॉर्ड 61 विकेट अपने नाम किए थे। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें से उमेश एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें टीम इंडिया में वर्ल्ड कप के संभावित खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया जा सकता है, लेकिन उनके हालिया प्रदर्शन के दम पर क्या वो टीम में जगह बना पाएंगे, एक नजर उनके प्रदर्शन पर।
उमेश की टीम में होगी वापसी ?
टेस्ट में सधी गेंदबाजी करने वाले उमेश ODIS में वो प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं जिसके लिए कई उनकी आलोचना भी हुई है। विंडीज के खिलाफ उमेश ने दो एकदिवसीय मुकाबलों में महज एक सफलता हासिल की जिसके लिए उन्होंने 142 रन खर्च किए लेकिन उनके अनुभव को देखते हुए कप्तान और टीम मैनेजमेंट उन पर भरोसा दिखा रहा है। आईपीएल -2018 में उन्होंने 14 मैचों में 20 विकेट चटकाए थे और धारदार गेंदबाजी भी की थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम इंडिया अनुभव को अधिक तरजीह देती है या युवा खिलाड़ियों के मौजूदा फॉर्म को मौका मिलता है लेकिन संभावितों की सूची में यह भी एक नाम हो सकते हैं।
क्या शमी खो चुके हैं अपनी लय
मोहम्मद शमी हाल के दिनों में खेल के मैदान पर कम और अपनी पारिवारिक समस्याओं से अधिक जूझते दिखे। पत्नी से संबंध में कटुता के बावजूद इस खिलाड़ी ने जिस तरह की जीवटता खेल के मैदान पर दिखाई है वह काबिल-ए-तारीफ है। इंग्लैंड के हाल के टेस्ट दौरे में इन्होंने जिस अनुशासन के साथ गेंदबाजी की उससे इन्होंने क्रिकेट दिग्गजों को अपना मुरीद बना लिया लेकिन ब्लू जर्सी में उनकी वापसी उतनी शानदार नहीं रही।
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क्या ODI में मिलेगा टेस्ट के बेस्ट को जगह
सॉउथम्पटन और नॉटिंघम टेस्ट में धारदार गेंदबाजी करने वाले शमी जब भारतीय पिचों पर ODI में गेंदबाजी करने उतरे तो ऐसा लगा वह एकदिवसीय में लय खो चुके हैं। कभी भारतीय टीम के प्रीमियर गेंदबाज कहे आने वाले शमी नई और पुरानी दोनों गेंदों को स्विंग कराने की काबिलियत रखते हैं लेकिन पिछले दो ODI मुकाबलों में इन्हें महज 2 विकेट मिले और इन्होंने 140 रन लुटा दिए। टीम मैनेजमेंट उन्हें बचे ODI में शायद एक-आध मौके दे लेकिन उन्हें टीम में अपनी जगह बनाने के लिए अपना बेस्ट देना होगा।
हाल के दिनों में बदली टीम
हाल के दिनों में टीम इंडिया ने भी बिना अधिक शोर-गुल किए ODI, टी-20 और टेस्ट की अलग-अलग टीम बना ली है। खिलाड़ी अलगा-अलग फॉर्मेट के चुन लिए गए हैं, विराट, हार्दिक, बुमराह को छोड़ बहुत कम ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो नियमित तीनों प्रारूप खेलते हैं ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या टेस्ट में बेस्ट करने वाले इन खिलाड़ियों में किसे विश्व कप में जगह मिलती है।