इससे तो कोहली टॉस ही ना जीतते-
रोरी बर्न्स (नाबाद 52) और हसीब हमीद (नाबाद 60) के साथ इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के 120 रनों पर दिन का अंत किया और स्टंप्स पर नाबाद रहे। यह साबित करता है जब बैटिंग में दिन बहुत खराब हो तो बॉलर भी स्कूली बच्चे हो जाते हैं। यह वही भारतीय पेस अटैक है जिसकी तारीफें ज्यादा होती हैं। कई बार बल्लेबाजों की तरह यह पेस अटैक भी मानो नर्वस हो जाता है। माना कि पिच का मिजाज पहले सत्र जैसा घाघ नहीं रहा लेकिन इस पर कम से कम दो-तीन विकेट तो भारतीय पेसरों को लेने चाहिए थे। अब इंग्लैंड मैच में विजेता की स्थिति में जा चुका है।
कोहली के टॉस जीतने को ही गलत मानना अब ठीक नहीं, जो होना था हो चुका, अब आगे देखना है बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में भारत क्या कर पाता है। हालांकि, भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपने कप्तान विराट कोहली के पहले बल्लेबाजी करने के फैसले का समर्थन करते हुए स्वीकार किया कि सुबह का विकेट 'नरम' था।
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ऋषभ पंत ने कप्तान के टॉस पर ये प्रतिक्रिया दी-
ऋषभ पंत ने कहा, "सुबह में, विकेट थोड़ा नरम था और उन्होंने अच्छे क्षेत्रों में गेंदबाजी की। हम खुद को बेहतर तरीके से लागू कर सकते थे। हम इससे सीख सकते हैं और केवल आगे बढ़ सकते हैं। क्रिकेटरों के रूप में हम यही कर सकते हैं। आप अपनी गलतियों से सीखते हैं। और सुधार करते हैं।
"हम जो भी निर्णय लेते हैं, हम एक टीम के रूप में लेते हैं। इसलिए एक बार जब हमने तय कर लिया कि हम पहले बल्लेबाजी करने जा रहे हैं, तो हम अपने फैसले का समर्थन करने जा रहे हैं। हां, हम बहुत बेहतर कर सकते थे लेकिन हम टॉस के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोच सकते।"
पंत ने कहा कि जो हुआ उससे घबराने के बजाय उन्हें 'गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने' की जरूरत है।
बैटिंग की गलतियां मानने वाले पंत अब अपना भी जलवा दिखाएं-
एडिलेड में मिली हार के ठीक नौ महीने बाद 78 रन बनाने के बारे में पूछे जाने पर पंत ने कहा, "यह खेल का हिस्सा है। हर दिन बल्लेबाजी इकाई सौ प्रतिशत दे रही है लेकिन कभी-कभी यह ठीक नहीं होता है।"
जहां तक पंत की बात है तो वह भी इंग्लैंड के इन हालातों में एक अच्छी पारी के तरस रहे हैं। अगर आप निरंतरता नहीं दिखा पाते हैं तो आपकी कई पारियां तुक्के के खाते में चली जाती हैं। पंत दबाव में नायाब पारियां खेल चुके हैं, लेकिन बल्लेबाजों के लिए मुश्किल परिस्थितियों में भी हम उनके बल्ले से कुछ रन देखना चाहेंगे।