पहले बैटिंग करना असली मुद्दा-
मैच के बाद कोहली ने टीम के प्रयासों की तारीफ की है। खासकर कोहली इस बात से काफी खुश हैं कि टीम पहले बैटिंग करके कुछ अतिरिक्त रन बटोरने में कामयाब रही। मैच के बाद कोहली ने कहा, "मुझे लगता है कि वानखेड़े और पहले दो एकदिवसीय मैचों में पिछले तीन मैचों में ये अच्छा रहा है कि हमने पहले हाफ में काफी अच्छी बल्लेबाजी की है। बाद में बल्लेबाजी कभी भी मुद्दा नहीं रहा। हम लक्ष्य का पीछा करने वाली टॉप टीमों में से एक हैं। टीम को खेल की शुरुआत में जो आपने सोचा होगा, उससे 40-50 रन अतिरिक्त मिलते हुए देखना हमेशा अच्छा होता है।"
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इसके साथ ही कोहली ने 159 रन बनाने वाले रोहित और 102 रन बनाने वाले राहुल की तारीफ करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि यह अच्छी नींव रखी गई। रोहित और केएल की शुरुआती साझेदारी ने इसे स्थापित किया।"
पंत-अय्यर की बैटिंग की अहमियत-
कोहली इसके बाद पंत और अय्यर के धमाके से खासे प्रभावित दिखाई दिए जिन्होंने केवल 2 ओवरों में 55 रन कूटकर सबको हैरान किया। कोहली भी इससे अछूते नहीं रहे और उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा, "श्रेयस और ऋषभ ने जिस तरह से खेला और उस दो ओवर में 55 रन बनाए यह शानदार हिटिंग थी। "
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"टॉस हारने के बाद हमने जिस तरह से पहले बल्लेबाजी की, उसे देखकर बहुत अच्छा लगा। यह दिखाता है कि हम टॉस पर निर्भर नहीं कर रहे हैं। यदि हम पहले बल्लेबाजी करते हैं तो हम बाद में विपक्षी बल्लेबाजों को आउट करना चाहते हैं।" इसके अलावा कोहली ने माना कि नंबर पर एक ऐसा स्थान है जिसको लेकर वास्ताविकता से कहीं ज्यादा मुद्दा बनाया गया। कोहली ने इस स्थान पर अच्छी बल्लेबाजी के लिए अय्यर की तारीफ की और कहा, " उन्होंने (श्रेयस अय्यर ने) अपने मौके पकड़े और अच्छा प्रदर्शन किया। वह एक मुश्किल स्थिति में आए और हम अभी खुश हैं कि एक नौजवान आया है और खुलकर खेल रहा है।"
फील्डिंग से निराश दिखे कोहली-
हालांकि कोहली फील्डिंग को लेकर निराश दिखाई दिए और उन्होंने कहा, "कैचिंग निराशाजनक रही है। यह उस तरह के मानकों का प्रतिनिधित्व नहीं है जो हमने बनाए हैं। मानकों को बनाए रखना और इसे बरकरार रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग टीमों में से एक हैं। जब तक हम उसका आनंद ले रहे हैं, हम वहीं रहेंगे।
बता दें कि इस मैच में भी एक कैच टीम इंडिया से छूटा था। पारी के 24वें ओवर की तीसरी गेंद पर जडेजा की गेंद पर दीपक चाहर ने पूरन का कैच छोड़ दिया था।