काैन है ये लड़का?
ये युवा लड़का है राचिन रवींद्र। रविंद्र का यह पहला टेस्ट मैच था, जिसे उन्हें खास बना दिया। रचिन का जन्म वेलिंगटन में भारतीय माता-पिता रवि कृष्णमूर्ति और दीपा कृष्णमूर्ति के घर हुआ था। राचिन के पिता रवि 1990 के दशक में बैंगलोर से न्यूजीलैंड चले गए थे और हट हॉक्स क्लब के संस्थापक हैं। रचिन के पिता रवि को भी क्रिकेट खेलना का काफी शाैक था और उन्होंने बेंगलुरु में काफी क्रिकेट खेली। वो खुद क्रिकेटर तो नहीं बन सके, लेकिन बेटे ने नाम जरूर कमा लिया। राचिन ने 2016 अंडर -19 विश्व कप के साथ-साथ 2018 अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप में न्यूजीलैंड के लिए हिस्सा लिया है। राचिन को इसी साल इंटरनेशनल डेब्यू करने का माैका मिला था। उन्होंने कीवी टीम के लिए कुल 6 टी20आई मैच खेले हैं। सितंबर में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू करने का माैका मिला था। अब भारत के खिलाफ उन्हें टेस्ट डेब्यू करने का माैका मिला जिसे उन्होंने यादगार बना लिया।
भारत से लगभग तय जीत छीन ली
राचिन ने भारतीय फैंस का दिल तोड़ने का काम किया। भारत लगभग जीतता हुआ दिख रहा था क्योंकि पिच स्पिन के लिए मददगार साबित हो रही थी, लेकिन 8वें नंबर पर खेलने आए रचिन ने अपना विकेट नहीं गंवाने दिया। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों का सामना करने लिए खुद पर जिम्मेदारी ले ली। 89.2 ओवर में न्यूजीलैंड 9 विकेट गंवा चुका था। भारत को जीत के लिए सिर्फ एक विके की जरूरत थी, लेकिन राचिन रवींद्र ने मैच के आखिरी दिन 91 गेंदों का सामना किया और 18 रन बनाए। उनके साथ एजाज पटेल ने 23 गेंदें खेलीं और 2 रन बनाए। इन दोनों ने 52 गेंदों का सामना करते हुए 10 रन की साझेदारी की और अंत तक विकेट नहीं गंवाने दिया। अंत में खराब रोशनी के कारण खेल रोकना पड़ा जिस कारण मैच ड्रा पर समाप्त हुआ।
राचिन से जुड़ी है ये रोचक बात
इस युवा खिलाड़ी से जो रोचक बात जुड़ी है वो है उनका नाम दो महान भारतीय खिलाड़ियों, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया है। मौजूदा भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ के नाम से 'रा' और सचिन के नाम से आखिरी दो शब्द 'चिन' लेकर 'राचिन' रखा गया। राचिन को लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए भी टीम में चुना गया था, लेकिन प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो पाए थे।