पहली बार मिली IPL नॉकआउट स्टेज में जीत-
दिल्ली कैपिटल्स ने ना केवल अपने प्रदर्शन से ड्रेसिंग रूम की नई ऊर्जा से फैंस को अवगत कराया है बल्कि रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) और सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) जैसे महान खिलाड़ियों के दिखाए रास्ते पर भी बखूबी चल रही है। 8 मई को मिली जीत दिल्ली के लिए क्या मायने रखती है उसको इसी बात से समझा जा सकता है कि यह टीम अब तक आईपीएल इतिहास में किसी प्लेऑफ मुकाबले (IPL Knock Out) में कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। दिल्ली डेयरडेविल्स के नाम से यह टीम इससे पहले, साल 2008 में पहली बार नॉकआउट स्टेज पर पहुंची थी।
अब है चेन्नई सुपर किंग्स से मुकाबला-
तब सेमीफाइनल में राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 105 रनों से रौंद दिया था। इसके ठीक अगले साल (2009) भी दिल्ली की टीम ने सेमीफाइनल में डेक्कन चार्जर्स के हाथों 6 विकेट से मात खाई थी। इस तरह से यह पहला मौका है जब आईपीएल के इतिहास में यह टीम प्लेऑफ में जीत दर्ज कर सकी है। आपको बता दें कि विशाखापत्तनम में हुए इस मुकाबले में दिल्ली ने टॉस जीतकर हैदराबाद की टीम को पहले बैटिंग करने का न्यौता दिया था। जिसके जवाब में हैदराबाद की टीम ने 162 रन बनाए थे।
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पृथ्वी और पंत रहे जीत के नायक-
163 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली की जीत के नायक दो विस्फोटक युवा बल्लेबाज रहे। ये बल्लेबाज थे पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत। शॉ ने मैच में जहां 38 गेंदों पर 56 रनों की पारी खेली तो ऋषभ पंत ने धुआंधार खेल का फिर से आला मुजायरा करते हुए 21 गेंदों पर 49 रनों की पारी को अंजाम दिया। इस मैच में अंतिम ओवर में कुछ नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिले। दिल्ली के बल्लेबाज अमित मिश्रा फील्डिंग मे बाधा पहुंचने के चलते आईपीएल इतिहास में आउट होने केवल दूसरे बल्लेबाज बने।