दिल्ली कैपिटल्स की युवा टीम-
डिविलियर्स पिछले सीजनों में दिल्ली की टीम की ओर से खेल चुके हैं और उनका मानना है कि इस फ्रैंजाइजी ने युवा खिलाड़ियों में जो निवेश किया है, उसका उनको फायदा मिल रहा है। उल्लेखनीय है दिल्ली कैपिटल्स की टीम में कप्तान से लेकर अन्य सभी भारतीय खिलाड़ी काफी युवा हैं और शानदार प्रदर्शन के दम पर भविष्य में टीम इंडिया के सितारे बनकर उभरने के लिए बेताब हैं। इनमें चाहे श्रेयस अय्यर हों, ऋषभ पंत हों, पृथ्वी शॉ हों या फिर खलील अहमद जैसा जोशीला गेंदबाज, ये सभी होनहार युवा टीम इंडिया में अपनी दस्तक दे रहे हैं। यहीं नहीं दिल्ली की टीम ने कैगिसो रबादा और कीमो पॉल जैसे विदेशी युवाओं पर भी दांव लगाया जो उनको काफी फायदा पहुंचा रहा है। रबादा चोट के चलते इस टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो गए हैं लेकिन अभी भी वे इस सीजन के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से हैं।
26 साल से कम उम्र के हैं अधिकतर खिलाड़ी-
अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे अपने कॉलम में डिविलियर्स ने 10 मई को होने वाले दूसरे क्वालीफायर मैच के लिए अपने विचार जाहिर करते हुए कहा कि यह युवा और अनुभव के बीच एक शानदार मुकाबला होगा। आपको बता दें कि यह मैच चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच होना है और जो भी विजेता टीम होगी, वह 12 मई को फाइनल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेलेगी। अब रॉयल चैलेंजर्स की ओर से खेलने वाले दिग्गज बल्लेबाज डिविलियर्स के मुताबिक, 'दिल्ली कैपिटल्स लय में है। यह एक युवा टीम है जिसमें अधिकतर खिलाड़ी 26 साल के हैं और सौरव गांगुली व रिकी पोंटिंग के महान मार्गदर्शन में खेल रहे हैं। उनका निवेश अब अच्छा रिटर्न दे रहा है।'
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गांगुली और पोंटिंग जैसे दिग्गजों के हाथ में 'दिल्ली'-
आपको बता दें कि दिल्ली कैपिटल्स ने ना केवल अपने प्रदर्शन से ड्रेसिंग रूम की नई ऊर्जा से फैंस को अवगत कराया है बल्कि रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) और सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) जैसे महान खिलाड़ियों के दिखाए रास्ते पर भी बखूबी चल रही है। 8 मई को मिली जीत दिल्ली के लिए क्या मायने रखती है उसको इसी बात से समझा जा सकता है कि यह टीम अब तक आईपीएल इतिहास में किसी प्लेऑफ मुकाबले (IPL Knock Out) में कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। दिल्ली डेयरडेविल्स के नाम से यह टीम इससे पहले, साल 2008 में पहली बार नॉकआउट स्टेज पर पहुंची थी।