सड़क किनारे चिकव बेचती थी मां
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अपनी यॉर्कर के लिये रातों रात मशहूर हुए टी नटराजन ने अपने परिवार के लिये वह सब कुछ किया जो वह कर सकते थे, लेकिन गरीबी के दामन से वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचने से नहीं मना पाये। हालांकि आर्थिक स्थिति ठीक होने के बावजूद उनकी मां ने यह काम नहीं छोड़ा है।
टी नटराजन के बचपन के कोच और मेंटॉर जयप्रकाश ने इस खिलाड़ी के बारे में न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि उनकी मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी तो इसी काम ने् उनकी काफी मदद की और जब वह सुधर गई है तो वह इस काम के साथ धोखा नहीं कर सकती हैं।
बचपव में किया काफी संघर्ष
उल्लेखनीय है कि टी नटराजन ने भारतीय क्रिकेट में बतौर गेंदबाज अपनी पहचान आईपीएल से पहले ही बना ली थी, जब वह तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अपनी यॉर्कर पर कई गेंदबाजों को शिकार बनाते नजर आ रहे थे। इस दौरान उनके परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा। हालाक् तमिलनाडु की टीम में जगह मिलने के बाद उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार के लिये घर बनवाया, बल्कि अपनी बहनों की पढ़ाई का खर्च भई उठाया और सलेम जिले में अपने गांव चिन्नापामपट्टी में एक क्रिकेट अकादमी भी शुरू की। इसके जरिये उन्होंने अपने साथ खेलने वाले खिला़ड़ियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए भी प्रेरित किया।
नटराजन के कोच जयप्रकाश ने बताया, 'उसने जितनी कड़ी मेहनत की है उसे देखकर मैं उसके प्रदर्शन से बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं। उसने यहां तक पहुंचने के लिये काफी संघर्ष किया है। उसने चोट से उबरकर वापसी की और तमिलनाडु की टीम में अपनी जगह बनाई और अब आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।'
3 साल के इंतजार के बाद मिला डेब्यू का मौका
गौरतलब है कि नटराजन को आईपीएल में पहली बार किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने साल 2017 में खरीदा था लेकिन अगले साल उन्हें रिलीज कर दिया गया और साल 2018 में उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने अपने साथ जोड़ा। हालांकि 3 साल तक आईपीएल में जुड़ने के बावजूद इस खिलाड़ी को डेब्यू करने का मौका नहीं मिला। पंजाब की टीम ने उन्हें 3 करोड़ में खरीदा था।
आखिरकार 2020 में जब इस गेंदबाज को डेब्यू का मौका मिला तो उसने अपने पहले ही मैच में विराट कोहली का विकेट लिया। वहीं दिल्ली के खिलाफ 14वें और 18वें ओवर में कई शानदार यॉर्कर गेंद फेंक कर बल्लेबाजों को परेशान किया और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने 4 ओवर में 21 रन देकर दिल्ली के हरफनमौला खिलाड़ी मार्कस स्टोइनिस का विकेट भी हासिल किया।
नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे, लेकिन इस खिलाड़ी ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।