तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

खलील अहमद ने बताया क्यों बनें गेंदबाज, बचपन में झूठ बोलकर खेलने जाते थे क्रिकेट

नई दिल्लाी। भारतीय क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों ने पिछले कुछ समय में काफी तहलका मचाया है। इस दौरान कई तेज गेंदबाजों ने भारतीय टीम में जगह बनाई और अपने प्रदर्शन से फैन्स को प्रभावित भी किया। इन युवा गेंदबाजों में शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी और खलील अहमद जैसे गेंदबाजों का नाम शामिल है। देश के लिये खेलने का सपना पूरा करने वाले इन युवा खिलाड़ियों का सफर हर किसी का खास रहा, लेकिन खलील अहमद की कहानी जितनी आम है उतना ही इसे खास बनाती है।

और पढ़ें: 14 साल बाद अख्तर ने किया खुलासा, बताया- क्यों चोटिल सचिन को फेंकते थे बाउंसर

भारत के लिये अब तक 11 वनडे और 14 टी20 मैच खेल चुके तेज गेंदबाज खलील अहमद ने 'क्रिकबज' को दिये इंटरव्यू में अपने सफर को लेकर कई बातें शेयर की है, जिसमें उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे बचपन में उनके दोस्त खेलने के लिये बुलाते थे तो घरवाले भगा देते थे और इससे बचने के लिये उन्होंने कितना अनोखा तोड़ निकाला।

और पढ़ें: धोनी के संन्यास पर जानें क्या बोले पूर्व कोच गैरी कर्स्टन, बताया- कब कहें अलविदा

कभी नहीं सोचा था कि देश के लिये खेलूंगा

कभी नहीं सोचा था कि देश के लिये खेलूंगा

आईपीएल में सनराईजर्स हैदराबाद की टीम के लिये खेलने वाले खलील ने बताया कि कैसे वह बचपन से इस खेल के प्रति उनके दिल में बहुत अधिक लभाव था। इस दौरान उन्होंने बताया कि जब बचपन में उनके टीम के साथी उन्हें खेलने के लिये बुलाते थे तो उनके घरवाले उन्हें भगा देते थे।

उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट से अगर एक दिन से ज्यादा दूर होता है तो बॉडी इसकी मांग करने लगता है। बचपन में कभी नहीं सोचा था कि इंडिया के लिए खेलूंगा। पता नही था कैसा फ्यूचर होगा। किस तरह से यहां का प्रोसेस है और कैसी क्रिकेट खेली जाती है। लगता था कंप्टीशन बहुत है। एकेडमी में भी बहुत लड़के आते थे। ऐसा नहीं था कि शुरू से इंडिया के लिए खेलने का सपना था।'

इस वजह से बना गेंदबाज

इस वजह से बना गेंदबाज

खलील अहमद ने बताया कि जहां बचपन में लोगों को बल्लेबाजी करना पसंद होता था वहां पर मेरे गेंदबाजी चुनने के पीछे काफी मजेदार कहानी है।

उन्होंने कहा, ‘ बचपन में सबलोग बल्लेबाजी के लिए मैदान पर लड़ते दिखाई दिया करते थे, समस्या यह थी कि ऐसे में जब सभी अगर बल्लेबाजी करेंगे तो गेंद कौन फेंकेगा। सबको लड़ता देख मेरे मन में ख्याल आता कि इस गुस्से को मैं ही सुलझा सकता हूं इसलिये मैंने उनसे कहा कि तुम लोग बल्लेबाजी करो और मैं गेंदबाजी करता हूं। धीरे- धीरे बॉलिंग के प्रति मेरा झुकाव बढ़ता गया और मैं इसमें अच्छा भी करने लगा तो आगे का सारा ध्यान इसी पर फोकस कर दिया।'

दोस्तों को भगा देते थे घरवाले

खलील ने बताया कि बचपन में क्रिकेट खेलना आसान नहीं होता था क्योंकि जब उनके दोस्त खेलने के लिये उन्हें बुलाते थे तो उनके घरवाले उन्हें डरा कर भगा देते थे, जिसका उन्होंने काफी लाजवाब तोड़ निकाला और झूठ बोलकर खेलने के लिये निकल जाते थे।

उन्होंने कहा,‘दरअसल, मैं घर में सबसे छोटा लड़का हूं। तीन बड़ी बहनें हैं। घर का सारा छोटा-बड़ा काम मुझे ही करना पड़ता था। अगर मैं खेलने के लिए निकल जाता था तो वह समय 4 घंटे का होता था। उस दौरान कोई काम होता था तो समस्या हो जाती थी कि काम कौन करेगा। इसके लिए मुझे डांट लगती थी। क्यों जाता है खेलने, थोड़ा पढ़ाई पर भी ध्यान दे और घर में रहा कर। राजस्थान में मई-जून के अंदर अगर आप खेल रहे है तो सोच भी नहीं सकते कि कितनी गर्मी पड़ती है। शुक्रवार को नमाज के बाद हम अक्सर टेनिस गेंद से खेलते थे। तो लोगों को मेरी जरुरत होती है, क्योंकि टेनिस बॉल में सब बैटिंग करते हैं तो छक्के बहुत लगते थे। सब मुझे घर पर बुलाने आते थे तो मेरे सुनने से पहले घर वाले सुन लेते थे। वे कहते थे कि खलील नहीं जाएगा, तुमलोग भी घर जाओ गर्मी है। इसका हमने तोड़ निकाला। वे बाद में घर के सामने आकर आवाज लगाने की जगह गाना गाते थे।'

Story first published: Saturday, May 30, 2020, 14:55 [IST]
Other articles published on May 30, 2020
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X