नई दिल्ली। यूएई में खेले गये टी20 विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने पहले खिताब की तलाश में न्यूजीलैंड के सामने खेलने उतरी, जहां पर एरॉन फिंच की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इस फाइनल मैच में शानदार आगाज करते हुए कीवी टीम को पहले 10 ओवर में सिर्फ 57 रन पर रोक कर रखा, लेकिन अगले 10 ओवर्स में केन विलियमसन की तूफानी पारी के चलते न्यूजीलैंड की टीम ने 3 विकेट खोकर 115 रन जोड़ डाले। न्यूजीलैंड की टीम ने इस अहम मैच में निर्धारित 20 ओवर्स में 4 विकेट खोकर 172 रनों का स्कोर खड़ा किया जो कि टी20 विश्वकप के फाइनल मैच में खड़ा किया अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड भारत के नाम था जिसने 2007 के फाइनल मैच में 157 रनों का स्कोर खड़ा किया था और पाकिस्तान की टीम को 154 रन पर रोक कर पहला खिताब जीत लिया था। न्यूजीलैंड की टीम के लिये यह ऐतिहासिक स्कोर खड़ा करने में कप्तान केन विलियमसन की ऐतिहासिक पारी का भी हाथ रहा जिन्होंने टी20 विश्वकप फाइनल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्तान का रिकॉर्ड अपने नाम किया और 48 गेंदों में 10 चौके एवं 3 छक्के लगाकर 85 रनों की पारी खेली।
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हालांकि न्यूजीलैंड की टीम कभी भी इस ऐतिहासिक स्कोर तक नहीं पहुंच पाती अगर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की ओर से उन्हें जीवनदान नहीं दिया गया होता। कप्तान केन विलियमसन को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की ओर से महज 23 रन के स्कोर पर जीवनदान मिला जिसके चलते वह टी20 विश्वकप के फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज बने और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में संयुक्त रूप से टॉप पर पहुंच गये।
महज 32 गेंदों में अर्धशतक लगाने वाले केन विलियमसन को चौथे ही ओवर में बल्लेबाजी के लिये आना पड़ा था। हालांकि फैन्स को पावरप्ले में कीवी बल्लेबाजों से जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी वह देखने को नहीं मिली और 10 ओवर में टीम 57 रन का ही स्कोर बना सकी। इस दौरान केन विलियमसन पहली 20 गेंदों में सिर्फ 19 रन ही बना सके थे। ऐसे में जब मिचेल स्टार्क के ओवर में उन्हें खेलने का मौका मिला तो दबाव को कम करने के लिये केन ने स्टार्क की चौथी गेंद पर लॉन्ग लेग की दिशा में खेला।
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गेंद सीधा वहां पर खड़े जोश हेजलवुड के हाथों में सीधा पहुंची लेकिन ऐसा लगा कि हेजलवुड कैच को ठीक से पकड़ने से पहले ही जश्न मनाने लगे और इसी के चलते उनसे यह कैच छूट गया। हेजलवुड से यहां पर न सिर्फ कैच छूटा बल्कि गेंद भी बाउंड्री पार कर गई। इस गेंद के बाद से ही विलियमसन ने अपना गियर चेंज कर दिया और ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए 10 चौके और 3 छक्कों की मदद से 85 रनों की पारी खेल डाली। कीवी टीम शायद इस स्कोर तक कभी भी नहीं पहुंच पाती अगर हेजलवुड ने वो कैच पकड़ लिया होता लेकिन उनका यह कैच ड्रॉप कंगारू टीम पर काफी भारी पड़ गया।