नहीं उठा सके पावरप्ले का फायदा
दुबई के मैदान पर खेले गये इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और कीवी टीम को बल्लेबाजी के लिये बुलाया। न्यूजीलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए डैरिल मिचेल और मार्टिन गप्टिल के दम पर अच्छी शुरुआत की लेकिन 28 रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट खो दिया। दुबई के मैदान पर खेले गये शाम के सभी मैचों में रनों का पीछा करने वाली टीम को जीत मिली है और अगर किसी टीम को पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत हासिल करनी है तो उसे उसे पावरप्ले का फायदा उठाना जरूरी है। सीएसके की टीम ने आईपीएल 2021 के फाइनल मैच में इस बात को साबित करके दिखाया, हालांकि कीवी टीम पावरप्ले का फायदा नहीं उठा सकी और 6 ओवर में एक विकेट खोकर 32 रन ही बना सकी। कीवी टीम की ओर से बनाया गया यह स्कोर इस टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड की ओर से पावरप्ले में बनाया गया अब तक का सबसे न्यूनतम स्कोर रहा।
स्पिनर्स के खिलाफ कीवी बल्लेबाजों ने टेके घुटने
टी20 प्रारूप में किसी भी टीम को जीत हासिल करने के लिये मध्यक्रम में स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाने होते हैं, और जो भी टीम ऐसा करने में नाकाम रहती है वो मैच हार जाती है। ऑस्ट्रेलिया के लिये एडम जाम्पा और ग्लेन मैक्सवेल ने कुल 7 ओवर्स की गेंदबाजी की और सिर्फ 54 रन ही दिये। जहां ग्लेन मैक्सवेल 3 ओवर्स गेंदबाजी कर 28 रन दिये तो वहीं पर एडम जाम्पा ने 4 ओवर्स में सिर्फ 26 रन देकर एक विकेट चटकाया। स्पिनर्स ने पारी को धीमा कर तेजी से रन बनाने पर रोक लगा दी जिसके चलते कीवी टीम को मध्यक्रम में उतने रन नहीं बना सकी जितने की दरकार थी। अगर कीवी टीम ने पावरप्ले और स्पिनर्स के खिलाफ अच्छे से रन बनाये होते तो न्यूजीलैंड का स्कोर 190 के आस-पास पहुंच सकता था।
मार्टिन गप्टिल की धीमी पारी से हुआ नुकसान
मार्टिन गप्टिल तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेलने उतरे थे, हालांकि वो इस मैच में वो पारी नहीं खेल सके जिसकी फैन्स को उनसे उम्मीद थी। मार्टिन गप्टिल ने अपनी पारी में 35 गेंदों का सामना किया और 3 चौके समेत 28 रन का ही योगदान दिया। इस दौरान उन्होंने 18 डॉट गेंदे (3 ओवर्स) खेली। गप्टिल ने अपनी पारी में लगभग 6 ओवर्स बल्लेबाजी की और सिर्फ 28 रन ही बनाये, ऐसे में कोई भी टीम जो 6 ओवर्स में सिर्फ 28 रन ही बना सके, उसकी हार लगभग तय हो जाती है। गप्टिल इससे पहले 2009 की चैम्पियन्स ट्रॉफी और 2015 वनडे विश्वकप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये मैच का हिस्सा रहे थे लेकिन एक बार फिर से फ्लॉप साबित हुए।
बेअसर रही कीवी गेंदबाजी
न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी में काफी कमियां रही उसके बावजूद उसने कप्तान केन विलियमसन की तूफानी 85 रनों की पारी की बदौलत 172 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया जो कि टी20 विश्वकप के फाइनल में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने कीवी गेंदबाज पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए। ट्रेंट बोल्ट ने पारी का आगाज करते हुए एरॉन फिंच को जल्दी पवेलियन भेज दिया लेकिन इसके बाद वो मिचेल मार्श और डेविड वॉर्नर के सामने पूरी तरह से लाचार नजर आये। ट्रेंट बोल्ट को छोड़कर कोई भी गेंदबाज विकेट नहीं ले सका। बोल्ट ने अपने 4 ओवर में 18 रन देकर 2 विकेट हासिल किये, लेकिन उनके अलावा बाकी टिम साउथी (4 ओवर्स में 30 रन), एडम मिल्ने (3.5 ओवर्स में 43 रन) और जेम्स नीशम (एक ओवर में 15 रन) ने 8.5 ओवर्स में 88 रन लुटाये।
स्पिनर्स भी हुए नाकाम, छोड़े कैच
न्यूजीलैंड की टीम के लिये सिर्फ तेज गेंदबाज ही नहीं बल्कि उसके स्पिनर्स भी पूरी तरह से नाकाम साबित हुए। कीवी टीम के लिये इस टूर्नामेंट में जीत के लिये स्पिन गेंदबाजों ने अहम भूमिका निभाई है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने वो भी बेबस साबित हुए। न्यूजीलैंड के लिये ईश सोढ़ी और मिचेल सैंटनर ने 6 ओवर्स में 63 रन लुटा दिये और एक भी विकेट निकाल पाने में नाकाम रहे। इतना ही नहीं कीवी फील्डर्स की किस्मत भी इस मैच में उनका साथ नहीं दे रही थी जिसके चलते नाबाद 77 रनों की पारी खेलने वाले मिचेल मार्श का कैच दो बार कीवी फील्डर्स से छूटा और न्यूजीलैंड की टीम कभी भी वापसी नहीं कर सकी।