वॉर्नर की ऐतिहासिक पारी से कंगारुओं की अच्छी शुरुआत
ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और गेंदबाजों के दम पर अच्छी शुरुआत भी की, हालांकि कीवी टीम के लिये केन विलियमसन संकटमोचक बनकर उतरे और 48 गेंदों में 85 रनों की पारी खेलकर टीम को 172 रन के स्कोर पर पहुंचा दिया। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिये निर्धारित 20 ओवर्स में 173 रनों की दरकार थी, और कीवी टीम ने अच्छी शुरुआत करते हुए पहले ओवर में सिर्फ एक ही रन दिया। वहीं तीसरे ओवर में ट्रेंट बोल्ट ने एरॉन फिंच को बोल्ड कर पहला झटका दिया। कीवी टीम को यहां पर भले ही एरॉन फिंच का विकेट मिल गया लेकिन कंगारू टीम बैकफुट पर जाने के बजाय अटैकिंग खेलने लगी और मिचेल मार्श-डेविड वॉर्नर की पारी के दम पर मैच को एकतरफा कर दिया।
फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में हुए शामिल
फिंच के आउट होने के बाद मिचेल मार्श और डेविड वॉर्नर (53) ने पारी को संभाला और दूसरे विकेट के लिये 92 रनों की साझेदारी कर डाली। इस जोड़ी ने यह रन महज 59 गेंद में जोड़े। जहां डेविड वॉर्नर ने महज 38 गेंदों का सामना कर अपने करियर की 22वीं अंतर्राष्ट्रीय अर्धशतकीय पारी खेली तो वहीं पर मिचेल मार्श ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का छठा अर्धशतक पूरा कर अपनी टीम को आसान जीत दिला दी। वॉर्नर ने अपनी पारी में 4 चौके और 3 छक्कों की मदद से 53 रनों की पारी खेली और बोल्ट की गेंद पर बोल्ड होकर वापस पवेलियन लौटे। वॉर्नर ने 34 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और टी20 विश्वकप फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में पांचवे पायदान पर पहुंच गये हैं।
मार्श ने तोड़ा विलियमसन का रिकॉर्ड
वॉर्नर के जाने के बाद मिचेल मार्श ने महज 31 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर टी20 विश्वकप फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। मार्श ने यह रिकॉर्ड अपने नाम करने के लिये केन विलियमसन का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने इसी मैच में 32 गेंदों में अर्धशतक लगाया था। विलियमसन से पहले यह रिकॉर्ड कुमार संगाकारा के नाम था जिन्होंने 2014 में 33 गेंदों में अर्धशतक लगाया था, वहीं जो रूट ने 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 33 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था। उल्लेखनीय है कि विश्वकप फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले टॉप 5 खिलाड़ियों में से 3 का नाम इसी मैच से आया है।
मार्श ने उठाया दो जीवनदान का फायदा
मिचेल मार्श को अपनी पारी में दो बार जीवनदान भी मिला जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और अपनी टीम के लिये नाबाद अर्धशतकीय पारियां खेलकर पहला टी20 विश्वकप खिताब जिताया। मिचेल मार्श जब 61 रन के स्कोर पर थे तब पहली बार मार्श की मिल्ने की गेंद पर कैच उठा बैठे लेकिन डैरिल मिचेल इसे पकड़ नहीं पाये और उन्हें पहला जीवनदान मिला। इसके बाद 17वें ओवर में बोल्ट अपनी ही गेंद पर मार्श का कैच पकड़ने में नाकाम रहे जिसके चलते मार्श को दूसरा जीवनदान मिला। मार्श ने 50 गेंदों में नाबाद 77 रनों की पारी खेली जिसके चलते उनकी टीम ने मैच को महज 17.5 ओवर्स में लक्ष्य को हासिल कर लिया और 8 विकेट से जीत हासिल की।