कीवी टीम इस बार ऑस्ट्रेलिया को नहीं छोड़ने वाली है
फुल्टन ने कहा, ''यह बहुत ही रोमांचक मैच होने वाला है। न्यूजीलैंड ने इस साल की शुरूआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेली थी। इसे कीवी टीम ने 3-2 से जीता था। मेरा मानना है कि यह बहुत रोमांचक मैच होगा, लेकिन न्यूजीलैंड जीतेगा। यह मुकाबला आखिरी के कुछ ओवरों तक जाने वाला है। जिस टीम की थोड़ी किस्मत साथ देगी, वो मैच जीतेगा। मैं इस बार न्यूजीलैंड को खिताब जीतते हुए देख रहा हूं। कीवी टीम इस बार ऑस्ट्रेलिया को नहीं छोड़ने वाली है।''
न्यूजीलैंड खिताब जीतने की दावेदार
फुल्टन ने कीवी टीम के लिए 23 टेस्ट, 49 वनडे और 12 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इस खिलाड़ी ने कहा कि कीवियों ने पिछले तीन सालों में खेल के तीनों प्रारूपों में बेहतर प्रदर्शन किया है। फुल्टन के मुताबिक हाल में उसकी सफलता टी20 विश्व कप 2021 के फाइनल में विश्वास देगी। उन्होंने कहा, 'हमारी टीम 2015 और 2019 फाइनल में हार गई थी। हमने फिर आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप ट्राॅफी जीती और अब टी20 विश्व कप 2021 के फाइनल में पहुंचे हैं। अब न्यूजीलैंड खिताब जीतने की दावेदार है। पिछले तीन साल में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया है। वो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है। टीम में कई विश्व स्तरीय और प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं। सभी ने देखा कि कैसे डेरिल मिचेल ने इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में टीम को जीत दिलाने के लिए धमाकेदार पारी खेली।''
आंकड़ों के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी
न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर पहली बार फइनल में प्रवेश किया था। न्यूजीलैंड सुपर 12 में अपना पहला मैच पाकिस्तान के हाथों हार गई थी, लेकिन आखिरी 4 मैचों में जीत गई। न्यूजीलैंड को टी20 विश्व कप 2021 फाइनल से पहले तगड़ा झटका लगा जब विकेटकीपर बल्लेबाज डेवोन कॉनवे चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए। कॉनवे ने अपने बल्ले पर जोरदार पंच मारा और खुद को चोटिल कर बैठे। फुल्टन का कहना है कि न्यूजीलैंड को कॉनवे की कमी खलने वाली है, लेकिन साथ ही कहा कि मार्क चैपमैन या टिम सीफर्ट उनकी जगह लेकर कमी को पूरा कर सकते हैं। बता दें कि दोनों टीमों के बीच अभी तक अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में 14 मैच हुए हैं, जिसमें 9 ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं। वहीं न्यूजीलैंड 5 मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दर्ज कर सका है। ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से देखें तो ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा है।