तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

2nd Test, IND vs BAN: पुजारा ने बताया डे-नाइट टेस्ट के फायदे-नुकसान, जानें कहां हुई परेशानी

नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच जारी डे-नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन एक बार फिर विराट सेना का दबदबा देखने को मिला। जहां भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने अपने प्रदर्शन के दम पर बांग्लादेश की टीम को उभरने का मौका ही नहीं दिया। मैच के बाद भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने डे-नाइट टेस्ट मैच में बल्लेबाजी को लेकर आने वाली समस्याओं के बारे में बात की। पुजारा ने बल्लेबाजी को लेकर कहा कि शनिवार को जब वह बांग्लादेश के खिलाफ फ्लड लाइटस मे बैटिंग करने उतरे तो पिंक बॉल का सामना करना बड़ा मुश्किल काम लगा।

और पढ़ें: 2nd Test, IND vs BAN: अजहरुद्दीन ने किया खुलासा, बताया- क्यों खतरनाक हैं भारतीय तेज गेंदबाज

पुजारा ने कहा,'बल्लेबाजों के लिये पहला सेशन काफी आसान था लेकिन फ्लड लाइटस में बल्लेबाजी करना मुश्किल था, क्योंकि जब लाइटस जलाई गई तो गेंद ने ज्यादा स्विंग करना शुरू कर दिया। यह दिन का सबसे मुश्किल समय था, धूप की रोशनी में गेंद को देखना ज्यादा आसान होता है।'

पिंक बॉल से दोहरा शतक लगा चुके हैं पुजारा

पिंक बॉल से दोहरा शतक लगा चुके हैं पुजारा

गौरतलब है कि घरेलू क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा पिंक बॉल के खिलाफ दोहरा शतक लगा चुके हैं और भारत के लिये पहली पारी में खेलते हुए डे-नाइट प्रारूप में सबसे पहला अर्धशतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बनें। लेकिन वह अपनी इस रनों की पारी को शतक में तब्दील कर पाने में नाकाम रहे।

लंच के बाद पिंक बॉल होती है स्विंग

लंच के बाद पिंक बॉल होती है स्विंग

मैच के बाद पुजारा ने कहा, ‘गेंदबाजों के लिये लंच के बाद का सेशन सबसे बेहतर होता है, गेंद स्विंग करती है और इसीलिये हमने पारी घोषित की ताकि हम जल्दी से विकेट चटका सकें। क्योंकि वहां पर ओस भी नहीं पड़ रही थी।'

पुजारा ने कहा कि चाय के बाद का सेशन मिला जुला था क्योंकि इस वक्त तक ओस पड़नी शुरू हो गई थी और बल्लेबाजों के लिये एक बार फिर खेलना आसान हो गया था।

आखिरी सेशन में मिलता है बराबरी का मौका

आखिरी सेशन में मिलता है बराबरी का मौका

उन्होंने कहा, ‘यह सेशन दोनों के लिये बढ़िया था क्योंकि एक बार ओस गिरने लगी तो यह बल्लेबाजी करने के लिये एक बार फिर आसान हो गया। गेंद तेजी से बल्ले पर आ रही थी जैसे कूकाबूरा की गेंद आती है। लेकिन एसजी गेंद ज्यादा स्विंग होती है। और कूकाबूरा से स्पिनरों को कोई मदद नहीं मिलती लेकिन आखिरी सेशन में हमने देखा कि अश्विन और ताईजुल गेंद को स्पिन कर पा रहे थे। स्पिनरों को थेाड़ी मदद मिल रही थी लेकिन यह इतनी नहीं थी जितनी लाल गेंद से मिलती थी।'

आपको बता दें कि भारत को जीत के लिये विकेट की दरकार है तो बांग्लादेश की टीम अब भी 89 रन पीछे चल रही है।

Story first published: Sunday, November 24, 2019, 11:46 [IST]
Other articles published on Nov 24, 2019
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X