नई दिल्ली। राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बन गए हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी तीन टी20 मैचों की सीरीज के साथ वह अपने काम की शुरूआत करेंगे। द्रविड़ ने रवि शास्त्री की जगह ली। वहीं बीसीसीआई अध्यक्ष साैरव गांगुली ने द्रविड़ के कोच बनने को लेकर एक दिलचस्प खुलासा किया है। गांगुली ने बताया कि द्रविड़ को कोच बनाने के पीछे उनके बेटे का हाथ रहा।
गांगुली ने कहा, ''मुझे द्रविड़ के बेटे का फोन आया था। उसने कहा कि उनके पिता उसके साथ बहुत सख्ती दिखा रहे हैं और उन्हें यहां से ले जाने की जरूरत है। उसी समय मैंने राहुल द्रविड़ को फोन किया और उनसे कहा कि आपका राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़ने का समय आ गया।'' गांगुली ने आगे कहा, ''हम एक साथ बड़े हुए हैं। हमने दोनों ही एक समय में क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी। मैंने उसके साथ काफी समय तक क्रिकेट खेलते हुए समय बिताया। इसलिए, हमें द्रविड़ को लोगों के सामने कोच के रूप में पेश करना आसान लगा था।'' बता दें कि सबसे पहले, राहुल द्रविड़ कोच नहीं बनना चाहते थे। वह भविष्य के खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे थे। बेंगलुरु के रहने वाले द्रविड़ एनसीए का हेड कोच होने के कारण वह अपने परिवार को भी समय दे पा रहे थे।
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द्रविड़ ने बीसीसीआई के साथ 2023 तक का करार किया है। उनकी सैलरी 10 करोड़ होगी, जबकि बोनस अलग से मिलेगा। द्रविड़ इससे पहले भी टीम के कोच रह चुके हैं, जब इसी साल श्रीलंका दौरे पर गई टीम इंडिया के कोच थे। उनकी कोचिंग में टीम ने वनडे सीरीज जीती थी। द्रविड़ का बेटा समित द्रविड़ भी एक युवा क्रिकेटर है। पिछले साल उन्होंने अंडर-14 स्कूल क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर सुर्खियां बटोरी थीं। सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह को राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम का कोच बनाने के लिए काफी मनाना पड़ा था।