गंभीर ने बताया- किसने छोड़ी ज्यादा छाप
एक स्पोर्टस चैनल से बात करते हुए पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में सौरव गांगुली से ज्यादा राहुल द्रविड़ ने छाप छोड़ी है, हालांकि उनकी कप्तानी को उतना सम्मान नहीं मिल पाता जितने की दरकार है।
उन्होंने कहा, 'मैंने अपने वनडे डेब्यू सौरव गांगुली और टेस्ट डेब्यू राहुल द्रविड़ की कप्तानी में किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम राहुल द्रविड़ को उनकी कप्तानी के लिए आवश्यक श्रेय नहीं देते। हम सिर्फ सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और अब विराट कोहली की बात करते हैं लेकिन राहुल द्रविड़ भी भारत के लिए शानदार कप्तान रहे हैं। उनके रिकॉर्डस भी देखें तो हम उन्हें काफी कम आंकते हैं।'
द्रविड़ ने वो सब किया जिसके लिये बोर्ड ने कहा
उल्लेखनीय है कि राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने लगातार 16 वनडे मैचों में रन चेज करते हुए जीत हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया था। गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर अपना सब कुछ टीम को दिया। उन्होंने वह सब कुछ किया जिसके लिये उन्हें बोर्ड की तरफ से कहा गया।
उन्होंने कहा, 'अगर आप राहुल द्रविड़ को एक क्रिकेटर के रूप में देखें तो उन्होंने वो सब कुछ किया जिसके लिये उन्हें कहा गया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरु करने से लेकर तीसरे नंबर पर भी बल्लेबाजी की। उन्होंने भारत के लिए विकेटकीपिंग की। उन्होंने फिनिशर की भूमिका निभाई। उन्होंने वह सब किया जो भारतीय क्रिकेट या कप्तान ने उन्हें करने के लिए कहा और आपको इसी तरह के रोल मॉडल की जरूरत होती है। मेरे हिसाब से उनका ज्यादा बड़ा प्रभाव है।'
सौरव गांगुली को रुतबे की वजह से मिला ज्यादा सम्मान
गौरतलब है कि राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 25 टेस्ट मैच खेले और इनमें से 8 में जीत, 6 में हार और 11 में ड्रॉ का सामना किया, वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 79 मैचों में कप्तानी की और भारत को 42 मैचों में जीत दिलाई। इस दौरान 33 मैचों में हार और 4 मैच बेनतीजा रहे। गंभीर ने इस पर बात करते हुए कहा कि सौरव गांगुली को उनके रुतबे की वजह से ज्यादा सम्मान मिला।
उन्होंने कहा,' सौरव गांगुली अपनी रुतबे और के कारण वनडे क्रिकेट में अधिक प्रभावी रहे लेकिन कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट पर राहुल द्रविड़ का कहीं बड़ा प्रभाव है। दरअसल, आप उनके प्रभाव की तुलना सचिन तेंडुलकर जैसे खिलाड़ी के साथ भी कर सकते हैं क्योंकि वह सारा करियर सचिन की छाया में खेले, लेकिन हां, जहां तक प्रभाव की बात है तो शायद वह बराबर ही है।'