'हितों के टकराव' में फंसे द्रविड़-
46 साल के राहुल द्रविड़ एनसीए में पद संभालने से पहले भारत ए और अंडर-19 टीमों के हेड कोच थे और इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को तराशा है। हालांकि द्रविड़ अभी भी एनसीए निदेशक रहते हुए इन दोनों टीमों की प्रगति पर नजर रखेंगे। द्रविड़ के खिलाफ मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लाइफ मेंबर संजीव गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने कहा है कि द्रविड़ एनसीए के अध्यक्ष पद पर रहते हुए और इंडियन सीमेंट के कर्मचारी के तौर पर भी बने रहने से हितों के टकराव का मामला बन रहा है। द्रविड़ इस मामले पर पहले ही जवाब दे चुके हैं कि वह कंपनी से छुट्टी पर चल रहे हैं और इसके बदले में कोई सैलरी नहीं चल रहे हैं, साथ ही उनका चैन्नई सुपर किंग्स से भी कोई लेना-देना नहीं है।
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द्रविड़ पर अंगुली उठाना कितना सही ?
अब द्रविड़ के केस में सुनवाई के बाद गुरुवार को नैतिक अधिकारी अपना फैसला सुनाएंगे। बता दें कि बीसीसीआई संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पद नहीं संभाल सकता है। बीसीसीआई नैतिक अधिकारी सुनवाई के आधार पर फैसला सुनाएंगे। इस केस में जब पिछले महीने द्रविड़ को नोटिस थमाया गया था तब भारतीय क्रिकेट की दिग्गज हस्तियों को यह नागवार गुजरा था। द्रविड़ की निष्ठा और प्रतिबद्धता अभी तक संदेह से परे रही है और जिस तरह से उन्होंने भारतीय क्रिकेट में युवाओं को तराशा है वह भी उनका उल्लेखनीय योगदान है। गांगुली और हरभजन सिंह ने तो द्रविड़ को भी हितों के टकराव पर घसीटने के मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
'भगवान ही बचाए भारतीय क्रिकेट को'
गांगुली ने हितों के टकराव को भारतीय क्रिकेट का नया फैशन करार देते हुए ट्वीट किया था- ये खबरों में बने रहने का बेस्ट तरीका है..भगवान ही भारतीय क्रिकेट की मदद करे..द्रविड़ को नैतिक अधिकारी ने हितों के टकराव का नोटिस थमा दिया है। गांगुली के इस ट्वीट पर हरभजन सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। भज्जी ने गांगुली का सर्मथन करते हुए कहा- क्या ये सच है ? नहीं पता ये किस और जा रहा है..आप भारतीय क्रिकेट के लिए द्रविड़ से बेहतर इंसान नहीं पा सकतें। ऐसे दिग्गजों को इस तरह के नोटिस भेजना उनकी बेज्जती करना है.. भारतीय क्रिकेट को इनकी सेवाओं की जरूरत है ताकी सुधार किया जा सके..हां भगवान ही बचाए भारतीय क्रिकेट को।