नई दिल्ली। भारत के घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के एक मैच के दौरान भारतीय टीम की चयन समिति के सदस्य देवांग गांधी को ड्रेसिंग रूम से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर बंगाल और आंध्र प्रदेश के बीच खेले जा रहे मैच के बीच राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी को बंगाल टीम के ड्रेसिंग रूम से बाहर निकाला गया। देवांग गाधी को ड्रेसिंग रूप में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने के मामले में बीसीसीआई की ऐंटी करप्शन यूनिट के अधिकारी सुमन करमाकर ने बाहर निकाल दिया।
देवांग गांधी इस मैच में ईस्ट जोन के राष्ट्रीय चयनकर्ता की हैसियत से मौजूद थे। वह पूर्व में बंगाल की रणजी टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।
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दरअसल मैच के दौरान लगातार ड्रेसिंग रूम के अंदर आवाजाही से परेशान बंगाल टीम के कप्तान मनोज तिवारी समेत कई सीनियर खिलाड़ियों ने प्रोटोकॉल तोड़े जाने को लेकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई और बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट से शिकायत की। बीसीसीआई के नियमानुसार मैच में चुने गये खिलाड़ियों और सपॉर्टिंग स्टाफ के अलावा कोई अन्य ड्रेसिंग रूम में प्रवेश नहीं कर सकता।
मीडिया से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, 'हमने ऐंटी-करप्शन प्रोटोकॉल का पालन किया है। एक राष्ट्रीय चयनकर्ता ड्रेसिंग रूम में प्रवेश नहीं कर सकता। सिर्फ खिलाड़ी और अधिकारी ही ड्रेसिंग रूम में प्रवेश कर सकते हैं।'
वहीं इस मुद्दे पर देवांग गांधी का कहना है कि उन्होंने किसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया है।
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देवांग गांधी ने कहा, 'एक चयनकर्ता होने के नाते मैं मैच के दौरान उपस्थित रह सकता हूं। मैच के दौरान बाउंड्री के बाहर बैठे रहने से मेरी कमर में दर्द हो रहा था। जब मैनें अपनी हालत के बारे में बंगाल के चो अरुण लाल से बात की तो उन्होंने मुझे टीम के फिजियो से मिलने की सलाह दी।'
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उन्होंने दावा किया कि ड्रेसिंग रूम में ऐंट्री से पहले देवांग ने ऐंटी-करप्शन अधिकारी से प्रवेश की अनुमति ली और फिजियो से क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) के मेडिकल रूम में जांच करने की बात की।