नई दिल्ली। भारत-इंग्लैंड के बीच खेली जा रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी दो मुकाबलों के लिए भारतीय टीम में दो युवा खिलाड़ियों को मौका मिला है। दरअसल कुलदीप यादव और मुरली विजय की जगह चयनकर्ताओं ने हनुमा और पृथ्वी शॉ पर भरोसा जताते हुए उन्हें टीम में शामिल करने का फैसला किया है। इससे भी खास बात यह है कि लंबे वक्त से सचिन तेंदुलकर पृथ्वी शॉ को टीम में मौका दिए जाने की पैरवी करते आए हैं। वहीं अब जब इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ टीम में खेलने का मौका मिल गया है तो क्रिकेट के भगवान ने उन्हें कुछ अहम सलाह दी है। सचिन ने कहा कि 'कभी अपनी ग्रिप या स्टांस मत बदलना'।
दी थी यह अहम सलाहः क्रिकेट की बारिकियों को भला क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले तेंदुलकर से बेहतर कौन समझ सकता है। वहीं सचिन ने शॉ की प्रतिभा को आठ साल की उम्र में ही पहचान लिया था और उन्होंने उसे कहा था कि कोई कोच उसकी नैचुरल तकनीक को नहीं बदले। तेंदुलकर ने अब अपने एप '100 एमबी' पर कहा, ''मैंने उसे कहा था कि भविष्य में उसके कोच उसे जितने भी निर्देश दें, वह अपनी ग्रिप या स्टांस नहीं बदले। अगर कोई तुम्हें ऐसा करने के लिए कहे तो उसे कहना कि वह मेरे से बात करे। कोचिंग देना अच्छा होता है लेकिन किसी खिलाड़ी में अत्याधिक बदलाव करना नहीं। सचिन ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि जब आप ऐसे विशेष खिलाड़ी को देखें तो कुछ बदलाव नहीं करें।
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तेंदुलकर ने बताया कि लगभग 10 साल पहले मेरे एक मित्र ने मुझे युवा पृथ्वी को खेलते हुए देखने को कहा। उसने मुझे कहा कि मैं उसके खेल का आंकलन करूं और उसे कुछ सलाह दूं। मैंने उसके साथ सत्र में हिस्सा लिया और खेल में सुधार के लिए कुछ चीजें बताई। इसके बाद दुलकर ने अपने मित्र से कहा था, ''तुम देख रहे हो? यह भविष्य का भारतीय खिलाड़ी है। बता दें कि इस साल 18 साल के पृथ्वी की अगुवाई में भारत ने अंडर 19 विश्व कप जीता। उन्होंने 14 प्रथम श्रेणी मैचों में सात शतक की मदद से 56.72 की औसत के साथ 1418 रन बनाए हैं। अब देखना होगा कि आखिर इंग्लैंड में शॉ का बल्ला किस तरह से धमाल मचाता है।