चयनकर्ता करें स्पष्ट
धोनी को लेकर सहवाग ने कहा, 'यह धोनी पर छोड़ देना चाहिए कि वह संन्यास कब लेंगे। चयनकर्ताओं का कर्तव्य ये है कि वे धोनी के पास जाएं और उन्हें सूचित करें कि अब वह भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद नहीं हैं।' धोनी ने विश्व कप 2019 के सभी मैचों में हिस्सा लिया और दो अर्धशतकों और 87 के स्ट्राइक रेट से 9 मैचों में 273 रन बनाए। 38 वर्षीय धोनी ने अपने 350 वनडे में अब तक 50.57 के औसत से 10773 रन बनाए हैं और उनका उच्चतम स्कोर 183 रन रहा है। एमएस धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
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सहवाग ने छेड़ी अपने संन्यास की बात
इसके बाद सहवाग ने अपने संन्यास पर भी बात छेड़ दी। एबीपी चैनल में बात करते हुए सहवाग ने कहा कि काश मुझसे भी पूछ लिया होता कि मेरा प्लान क्या है तो मैंने भी उन्हें बता दिया होता कि मेरा प्लान क्या है। दअसल सहवाग ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उनके समय में चयनसमिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल थे। संदीप पाटिल भी डिबेट में बैठे थे। सहवाग के बाद पाटिल ने अपना बचाव करते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर से उनके भविष्य पर बात करने की जिम्मेदारी मुझे और राजिंदर सिंह हंस को सौंपी गई थी और सहवाग से बात करने की जिम्मेदार विक्रम राठौर को सौंपी गई थी। हमने विक्रम से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उनकी सहवाग से बात हो गई लेकिन अगर सहवाग कह रहे हैं तो मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।'
फिर दी ये राय
सहवाग ने इसके जवाब में कहा, 'विक्रम ने मुझसे बात जरूर की थी लेकिन तब, जब मैं टीम से बाहर हो चुका था। टीम में से हटाए जाने से पहले अगर वो मुझसे बात करते तो इसका मतलब होता। खिलाड़ी को बाहर करने के बाद उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है। अगर प्रसाद इस समय धोनी को बाहर कर दें और फिर उनसे बात करेंगे तो धोनी क्या कहेंगे, यही कि वह घरेलू क्रिकेट खेलेंगे और अगर वहां अच्छा कर पाए तो फिर उन्हें टीम में चुन लेना चाहिए। बात यह है कि चयनकर्ताओं को खिलाड़ी से बात तब करनी चाहिए जब वह टीम से हटाया गया नहीं हो।'
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