ज्यादा लीड लेने की जरूरत
देखा जाए तो यह मैच अभी भी काफी बराबरी पर टिका हुआ है लेकिन भारत के खेमे की ओर से कुछ गड़बड़ होते ही दक्षिण अफ्रीका पूरी तरह मैच पर हावी हो सकता है। ऐसे में शार्दुल ठाकुर भारतीय टीम के लिए जितनी संभव हो सके, उतनी ज्यादा लीड लेने की जरूरत बताते हैं। शार्दुल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ना केवल 7 विकेट लिए बल्कि टेस्ट करियर में भी पहली बार एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया था।
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद शार्दुल ठाकुर ने रिपोर्टर से बात करते हुए बताया, "मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैं हमेशा इस बात को लेकर भी खुश रहता हूं कि टीम के लिए क्या कर सकता हूं। शमी और बुमराह ने विपक्षी बल्लेबाजों पर अच्छा दबाव डाला और मेरा फोकस विकेट लेने की ओर था, हमने ऐसे ही प्लानिंग की थी। फिलहाल मैच की स्थिति नाजुक है और हम जितनी संभव हो सके उतनी लीड लेने की कोशिश करेंगे। इस पिच पर अंतिम 2 दिन बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा। ऐसे में एक बड़ी लीड हमारे लिए काम आसान कर सकती है।"
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रहाणे-पुजारा ने अभी तक अच्छा काम किया-
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों के सामने कड़ी परीक्षा थी लेकिन केएल राहुल और मयंक अग्रवाल की जोड़ी बेहतर शुरुआत दिन में विफल रही और फिर सारा दारोमदार भारत की सुपर फ्लॉप चल रही जोड़ी अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के ऊपर आ गया। भारत के इन अनुभवी बल्लेबाजों के करियर में इस समय जो फॉर्म चल रही है उसके बाद सबकी सांसे रुकी हुई थी लेकिन दिन का खेल समाप्त होने तक दोनों ही खिलाड़ियों ने अपना विकेट नहीं खोया है और 52 गेंदों पर 41 रनों की साझेदारी करके टीम इंडिया को 50 रन से ऊपर की लीड भी दिला दी है।
बेस्ट आना अभी बाकी- शार्दुल ठाकुर
ठाकुर चेतेश्वर पुजारा और रहाणे को उनके अच्छी बल्लेबाजी का श्रेय देते हैं और बताते हैं कि इन दोनों बल्लेबाजों के पास इतना अनुभव है कि उनको किसी तरह का कोई मैसेज देने की जरूरत नहीं पड़ी। पुजारा अच्छे दिखाई दे रहे हैं। और उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ कुछ अच्छे शॉट भी लगाए हैं। ठाकुर ने 61 रन देकर 7 विकेट लिए थे लेकिन उनका कहना यह है कि अभी भी उनका बेस्ट आना बाकी है। ठाकुर मानते हैं कि सेंचुरियन की तरह जोहांसबर्ग के वांडरर्स में भी तेज गेंदबाजों के लिए कुछ मदद थी ऐसे में आपको केवल सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करने की जरूरत थी। इस पिच पर इस तरह की लेंथ से गेंदबाजी भी की जा सकती थी जहां बॉल थोड़ी रुक कर आए। मैंने वह करने की कोशिश की।