'एक मेज पर भी खाने से रोक दिया गया'
शोएब ने कहा, "कप्तान इस बार भौंहें चढ़ा लेता था कि वह (कनेरिया) हमारे साथ एक ही मेज पर खाना खा रहा है। मैंने उससे कहा कि तुम कप्तान हो सकते हो लेकिन तुम्हारा आचरण खराब है। यह लड़का (कनेरिया) हमारे लिए मैच जीतने के लिए बहुत सारे विकेट चटका रहा है। और आप उसके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, "शोएब अख्तर ने 'गेम ऑन है' नामक क्रिकेट शो पर बात की।
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'दानिश को उनके धर्म के चलते कभी नहीं मिला श्रेय'
शोएब अख्तर ने यह भी आरोप लगाया कि दानिश कनेरिया को उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए कभी कोई श्रेय नहीं मिला और यह "पूरी तरह से अनसुना" था। अख्तर ने कहा, "कोई भी दानिश को उनके असाधारण प्रदर्शन का कोई श्रेय नहीं दे रहा था। वह पूरी तरह से अनसुना कर दिया गया था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ (2005 में) टेस्ट सीरीज जीती। उन्होंने शीर्ष क्रम के सभी बल्लेबाजों के विकेट लिए।"
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"जब क्षेत्र या धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव किया जाता था, तो मैं गुस्सा हो जाता था। पाकिस्तान में पैदा हुआ एक हिंदू अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का हकदार है। जब उस हिंदू (कनेरिया) ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला (2005 में) जीती, तो मैंने दानिश के साथ गलत बर्ताव करने के कारण अपने टीम के साथियों को फटकार भी दिया।
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ऐसे हुआ था कनेरिया का करियर खत्म
दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में चौथे स्थान पर हैं, केवल तेज गेंदबाज वसीम अकरम, वकार यूनुस और इमरान खान ही उनसे आगे हैं। बाद में स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के आरोपों के बाद, कनेरिया पर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत दानिश के मैचों में खेलने पर रोक लगा दी। बाद में दानिश ने प्रतिबंध के खिलाफ अपील दायर की, लेकिन इसे जुलाई 2013 में खारिज कर दिया गया। इस दौरान दानिश ने दबी जुबान में स्वीकार किया था कि उनके धर्म की वजह से पीसीबी के अधिकारियों से उनको फिक्सिंग मामले में पर्याप्त सहयोग नहीं मिला।