संन्यास पर सोच सकते हैं दोबारा
अली ने कहा, 'मैंने संन्यास का फैसला इसलिए लिया था क्योंकि मुझे टीम में कहीं अपनी जगह नहीं दिख रही थी। मुझे लगा था कि विश्व कप टीम में मेरे लिए जगह पक्की नहीं है और इसीलिए मैंने संन्यास का फैसला लिया था।' उनसे जब पूछा गया कि क्या वो अपना फैसला वापस लेंगे अगर चयनकर्ताओं ने उनसे टीम में खेलने के लिए संपर्क किया, तो अजहर का जवाब था, 'मैं अपने संन्यास के फैसले के बारे में दोबारा सोचूंगा अगर ऐसा समय आया, लेकिन फिलहाल मैं क्रिकेट के इस फॉर्मेट से संन्यास ले चुका हूं।'
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टेस्ट में टीम को बेहतर करने की है कोशिश
यह भी खबरें आ रहीं थी कि अजहर को टेस्ट कप्तान बनाया जा सकता है, लेकिन उन्होंने इस बात को नकारा है। उन्होंने कहा कि ये जो भी अफवाह है, मुझसे अब तक आधिकारिक तौर पर इसको लेकर संपर्क नहीं किया गया है। इस वजह से इस बारे में मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं। हालांकि अजहर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट पर फोकस करने के लिए वनडे फॉर्मेट से संन्यास लेने के फैसले पर मुझे कोई दुख नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक टीम के तौर पर हमें टेस्ट क्रिकेट में बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए। सिर्फ होम सीरीज जीतने पर नहीं बल्कि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी जाकर जीतना होगा।' अजहर की वापसी की वजह टेस्ट क्रिकेट हो सकती है।
टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं
अजहर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें संघर्ष करना पड़ा और मुझे लगता है इसका सबसे पहला कारण दो सीनियर खिलाड़ियों का रिटायर होना है। उनके रिटायरमेंट का असर टीम पर पड़ा, ना सिर्फ बल्लेबाजी में बल्कि और भी तरह से। हर टीम संघर्ष करती है जब सीनियर खिलाड़ी संन्यास लेते हैं। रिप्लेसमेंट मिलना इतना आसान नहीं होता है। उम्मीद करता हूं कि खिलाड़ी आएंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' बता दें कि अजहर 73 टेस्ट खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 3 दोहरे शतक के साथ 15 शथत लगाते हुए 43.27 की औसत से 5669 रन बनाए हैं।