कोहली की ओपनिंग से बाकियों को फायदा-
कोहली के ओपनिंग करने के पीछे यह विचार था कि वह एंकर की भूमिका निभाना चाहते थे और दूसरी छोर पर खड़े बल्लेबाज अपने शॉट खेलना चाहते थे। यह एक सोची-समझी रणनीति थी जिसको मैदान पर अमलीजामा पहनाया गया।
हम यह भी देखते हैं किस सूर्यकुमार यादव ने नंबर 3 पर उतर कर दो बार मैच को परिभाषित करने वाली पारियां खेली है। नंबर 3 विराट कोहली की पसंदीदा भूमिका रही है। ऐसे में कप्तान के लिए कुछ अलग करने का मौका था। विराट कोहली की एंकरिंग भूमिका की वजह से और क्रीज पर उनकी उपस्थिति की वजह से दूसरे छोर के बल्लेबाजों को भरोसा मिला और उन्होंने पूरी पारी के दौरान खुलकर अपने शॉट लगाए। इसने कोहली को भी अपनी पारी को परिस्थितियों के अनुसार घटाने और बढ़ाने का विकल्प दिया। और इसके अलावा इसने सूर्यकुमार यादव के लिए नंबर तीन पर भूमिका बनाई और श्रेयस अय्यर के लिए भी उसकी पसंदीदा बैटिंग पोजिशन सेट की।
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पर ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन का क्या होगा?
इन सब चीजों ने कई सवालों के जवाब तो दे दिए हैं लेकिन एक बड़ा सवाल यह छोड़ दिया है कि अब अनुभवी भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन का क्या होगा। क्या शिखर धवन के लिए T20 क्रिकेट में अधिक मौके मिलेंगे? शिखर धवन काफी अनुभवी बल्लेबाज हैं जिन्होंने T20 इंटरनेशनल करियर की तरह 63 पारियों में 1673 रन बनाए हैं और उनका औसत लगभग 28 का रहा है। शिखर धवन की फॉर्म 2019 से गिरनी शुरू हुई थी और तब से उन्होंने 18 पारियों में 24.5 की औसत से 441 रन बनाए हैं जबकि उनका स्ट्राइक रेट पिछले 2 सालों में केवल 114 का ही रहा है।
शिखर धवन के सामने यह चुनौती है कि वह उसी तरह का प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में भी करें जैसे कि वह दिल्ली कैपिटल्स के लिए बाद के हाफ में करते आए हैं। हमने देखा है कि उन्होंने आईपीएल 2019 और 2020 के सीजन के लेटर हॉफ में दिल्ली कैपिटल्स के लिए कमाल किया है।
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धवन के सामने बढ़ गया कंपटीशन-
अब शिखर धवन को आईपीएल की एक और रन मशीन केएल राहुल के साथ भी प्रतिद्वंदिता रखनी होगी और साथ ही एक ऐसे खिलाड़ी के साथ भी टक्कर लेनी होगी जो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है और अब खुद को ओपनिंग में आजमाने के लिए भी तैयार है यानी कि खुद कप्तान विराट कोहली। जाहिर है के शिखर धवन के लिए आगे की राह बहुत मुश्किल है और उनके लिए वर्ल्ड कप की राह कठिन से कठिन होती जा रही है। वैसे तो केएल राहुल के लिए भी इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज खराब रखी है लेकिन उनका पिछले कुछ सालों में बढ़िया रिकॉर्ड रहा है और उन्होंने भारत के लिए बड़ी मैच विजेता पारियां खेली है। वह आईपीएल में बहुत ही प्रोलिफिक फॉर्म में रहे हैं और 2018 के बाद से संयुक्त तौर पर सर्वाधिक रन बनाने वाले के तौर पर भी उभरे हैं।
वही हम विराट कोहली की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए 8 बार ओपनिंग की है जहां उन्होंने 150 के करीब का स्ट्राइक रेट निकाला है। उन्होंने 2012 में चेन्नई में न्यूजीलैंड के खिलाफ गौतम गंभीर के साथ भी ओपनिंग की थी और तब उनके बल्ले ने 41 गेंदों पर 70 रनों की जोरदार पारी दी थी।
कोहली का ओपनिंग में रिकॉर्ड शानदार-
हमको यह भी याद रखना चाहिए कि विराट कोहली का आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम की ओर से खेलते हुए सबसे सफल सीजन 2016 था और वह एक ओपनर के तौर पर खेलते हुए ही आया था। उस सीजन में उन्होंने 4 शतक और 7 अर्धशतक लगाते हुए 16 मैचों में 973 रन ठोक दिए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 153 का था जो कि बहुत ही खतरनाक है। आज भी आईपीएल के यह आंकड़े किसी भी एक सीजन में सर्वाधिक हैं। तो हम यही कहेंगे कि शिखर धवन के लिए समय तेजी से निकला जा रहा है। जहां तक T20 इंटरनेशनल बैट्समैन की बात आती है तो धवन के लिए अब धीरे-धीरे जगह बंद होती जा रही है। अब धवन का 2.0 अवतार ही कुछ कर सकता है क्योंकि भारतीय टीम हर तरह से आक्रामक रुख अख्तियार कर चुकी है। अगर धवन आईपीएल में एक अलग ही अवतार में लिखते हैं तो शायद अक्टूबर में होने वाली मेगा इवेंट के लिए किसी चमत्कार की उम्मीद कर सकते हैं।