कार्तिक का खुलासा, गांगुली ने किया था बुखार के बावजूद खेलने को मजबूर
फेसबुक लाइव के दौरान बात करते हुए मुरली कार्तिक ने बात करते हुए उस किस्से का खुलासा किया जब 104 डिग्री तेज बुखार होने के बावजूद सौरव गांगुली ने उन्हें मैच खेलने के लिये मजबूर किया था। कार्तिक ने बताया कि यह मैच उन्होंने साल 2012 में आईपीएल में पुणे वॉरियर्स के लिये खेला था जिसकी कप्तानी गांगुली कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'साल 2012 में सौरव गांगुली आईपीएल में पुणे की कप्तानी कर रहे थे। इस दौरान हमारा एक मैच चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के खिलाफ था। मुझे बुखार था इसके बावजूद दादा ने मुझसे कहा कि वह मैच मैं खेलूं। मैं उम्मीद करता हूं कि उस मैच की फुटेज होंगी, ताकि पता चल सके कि कैसे उस मैच में मैं फुल स्लीव्स का स्वेटर पहनकर खेल रहा था। मैंने बुखार के बावजूद वह मैच खेला था।'
गांगुली की वजह से नहीं हुआ करियर छोटा
इस सेशन के दौरान मुरली कार्तिक ने मीडिया में आई उन सभी खबरों को खारिज कर दिया जिसमें उनके करियर को छोटा करने के पीछे सौरव गांगुली का हाथ बताया गया था। अटकलें लगाई गई थी यह सौरव गांगुली ही थे जिनके चलते कार्तिक को भारतीय टीम में खेलने के बहुत कम मौके मिले।
गौरतलब है कि भारतीय टीम में कार्तिक के छोटे से करियर के पीछे अक्सर कहा जाता है कि उस दौर में सौरव गांगुली अपनी बेहतरीन फॉर्म में थे और वह जब चाहे लेफ्टआर्म स्पिनर की गेंद पर चौके-छक्के मारते थे। इस पर कार्तिक ने साफ किया कि उनके करियर के छोटा होने की वजह सौरव गांगुली नहीं थे।
गांगुली ने हमेशा दिया साथ, टीम में रखा
मुरली कार्तिक ने सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि वह ऐसे कप्तान थे जिन्होंने उन्हें हमेशा अपनी टीम में रखा और साथ खिलाया।
उन्होंने कहा, 'अगर गांगुली लेफ्टआर्म स्पिनर को बेहतर खेलते थे तो मैं कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में तीन साल तक कैसे रहा। इसके बाद दादा को साल 2011 में पुणे वॉरियर्स ने साइन किया था और 2012 में उन्हें कप्तानी सौंपी। गांगुली ने ही तब ट्रेड के जरिए मुझे चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) में शामिल नहीं होने दिया और अपनी टीम में बरकरार रखा था। तब दूसरे लेफ्टआर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को सीएसके में मौका मिला और तभी से वह वहां खेल रहे हैं।'