इस वजह से भारत को मिलती है जीत
उल्लेखनीय है कि विदेशी सरजमीं पर खेले गये टेस्ट मैचों में भारत को जो सफलता मिली है उसका श्रेय विराट कोहली और पूर्व कोच रवि शास्त्री की जोड़ी को दिया जाता है, हालांकि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने विराट सेना की सफलता के पीछे इस जोड़ी के बजाय बीसीसीआई को दिया है और उस बड़े कारण का खुलासा किया है जिसकी वजह से भारतीय टीम अब विदेशी सरजमीं पर खेले गये टेस्ट मैचों में भी जीत हासिल करती है।
सलमान बट्ट का मानना है कि जब भी भारतीय टीम कोई विदेशी दौरा करती है तो वहां पर उससे पहले उस देश की ए टीम सीरीज खेलने पहुंचती है, जो कि भारत को जीत हासिल करने में मदद करता है। जहां बीसीसीआई अभी भी अपनी इस रणनीति को तवज्जो देता है तो वहीं पर दुनिया के बाकी क्रिकेट बोर्ड ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया है।
क्या अलग करता है भारत
अपने यूट्यूब चैनल पर फैन्स की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए सलमान बट्ट ने यह बात कही, जहां पर उनसे एक फैन ने इस साल ऑस्ट्रेलिया के घर पर मिली सफलता के पीछे का कारण पूछा था।
उन्होंने कहा,'भारत तैयारी करता है, अगर आप देखेंगे तो भारत की ओर से उसकी ए टीम सीरीज से पहले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलने पहुंची थी। यहां तक साउथ अफ्रीका दौरे पर भी उसने यही किया है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं, जब आप मोहम्मद सिराज के फर्स्ट क्लास मैचों के रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं तो उनके ज्यादातर विकेट भारत से बाहर 4 दिवसीय मैचों में आये हैं। बाकी के देश ऐसा नहीं कर रहे हैं, वो अपनी ए टीमों को 4 दिवसीय मैच खेलने के लिये नहीं भेज रहे हैं। पहले आप देखते थे कि ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और साउथ अफ्रीका की ए टीमें पाकिस्तान का दौरा करती थी लेकिन अब वो नहीं करते हैं और न ही हम करते नजर आते हैं।'
खिलाड़ियों में नहीं पनप रही टेस्ट क्रिकेट की मानसिकता
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान का मानना है कि नये खिलाड़ियों में क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में खेलने की मानसिकता का विकास नहीं हो पाने का सबसे बड़ा यही कारण है क्योंकि ज्यादातर देश इससे दूर होते जा रहे हैं और घरेलू स्तर पर विदेशी दौरे नहीं करा रहे हैं।
उन्होंने कहा,'मौजूदा समय में भारत को छोड़कर ज्यादातर देश टेस्ट क्रिकेट से दूर होते जा रहे हैं। खिलाड़ी इस प्रारूप की तैयारी नहीं करते हैं और इस वजह से उनमें टेस्ट क्रिकेट वाली मानसिकता ही नहीं पनप पाती है। जब आपके युवा खिलाड़ियों के पास मानसिकता ही नहीं होगी तो बाहर जाकर जीत हासिल करना नामुमकिन हो जायेगा।'