काउंटी में फ्लॉप रहे थे हनुमा विहारी
हनुमा विहारी ने काउंटी क्रिकेट के अपने डेब्यू मैच में 23 गेंदोंं का सामना किया लेकिन कोई रन नहीं बना सके और स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर कैच थमाकर वापस पवेलियन लौट गये जबकि दूसरी पारी में सिर्फ 8 रन ही बना सके। हालांकि दूसरे टेस्ट मैच में विहारी ने एसेक्स के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 32 और 52 रन की पारियां खेली जबकि तीसरे मैच में एक बार फिर 8 और 0 के स्कोर पर आउट होकर वापस पवेलियन लौटे।
बल्लेबाजी करते हुए शॉट सेलेक्शन का रखना होगा ध्यान
इस दौरान हनुमा विहारी ने इंग्लैंड की परिस्थितियों में ड्यूक की गेंद से खेलने के अपने अनुभव को साझा किया और बताया कि वो अब यहां कि परिस्थितियों से काफी अच्छी तरीके से वाकिफ हो गये हैं। विहारी ने बल्लेबाजों को ड्यूक गेंद को ध्यान से खेलने की सलाह देते हुए कहा कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए शॉट सिलेक्शन का काफी ध्यान रखना होगा।
उन्होंने कहा,'भारत में जब आप खेलते हैं तो आपको हल्क सा पुश महसूस होता है जिससे आप दूर हो सकते हैं और ड्राइव न खेलने वाली गेंद को ऊपर से भी ड्राइव कर सकते हैं। लेकिन इंग्लैंड में ऐसा नहीं है। काउंटी क्रिकेट के पहले मैच में अगर मुझे दोबारा मौका मिलता तो शायद मैं उसे देर से खेलने की कोशिश करता। उस वक्त मुझे लगा था कि ड्राइव खेलने के लिये गेंद की लंबाई अच्छी है लेकिन आपको यहां पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसे में आपको यहां खेलते हुए शॉट का ध्यान रखना जरूरी होगा।'
नहीं होगा ड्यूक बॉल से खेलना आसान
हनुमा विहारी ने आगे बात करते हुए कहा कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी करते हुए ड्यूक बॉल से खेलना भी काफी बड़ी चुनौती रहने वाली है, खास तौर से जब आसमान में बादल छाये रहेंगे।
उन्होंने कहा,' यहां पर बल्लेबाजी करते हुए ड्यूक बॉल का सामना करना भी एक चुनौती होगी जिसके सामने बैटिंग आसान नहीं होगी, खासतौर से तब जब मौसम नमी वाला हो या बादल छाये होंगे। अगर ऐसा होता है तो गेंद पूरे दिन स्विंग करेगी। काउंटी क्रिकेट की शुरुआत में मुझे इसी चैलेंज का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड का सर्द मौसम गेंद को पिच से काफी मदद दिलाता है।'