रस्टेनबर्ग। फीफा विश्व कप-2010 के अंतर्गत गुरुवार को ग्रुप-ई में जापान और डेनमार्क की टीमों की भिड़ंत होगी। अंतिम-16 में जगह बनाने के लिए दोनों टीमों के लिए जीत निहायत जरूरी है।इस ग्रुप की तीसरी टीम हॉलैंड है और वह अपने पिछले मुकाबलों में जापान और डेनमार्क हरा चुकी है। इस लिहाज से हॉलैंड की टीम का अगले दौर में पहुंचना तय माना जा रहा है।इस ग्रुप की चौथी टीम कैमरून को अपने पिछले दोनों मुकाबलों में हार मिली है और उसके अंतिम-16 में पहुंचने की कोई संभावना नहीं है। कैमरून को अंतिम मुकाबले में हॉलैंड से भिड़ना है, जो उसके लिए प्रतिष्ठा का सवाल होगा। गोल अंतर के लिहाज से जापान अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर है। अगर वह डेनमार्क से ड्रॉ भी खेलता है, तब भी वह अगले दौर में पहुंच जाएगा लेकिन हार की सूरत में उसका पत्ता कट जाएगा।क्लिक करें: नो सेक् zwj;स प् zwj;लीज.... जापानी टीम के कोच ताकेशी ओकादा का मानना है कि बड़े मुकाबलों में जीत के लिए रणनीति से अधिक मनोबल और जीत की ललक की जरूरत होती है। ताकेशी मानते हैं कि डेनमार्क के साथ उनकी टीम की कड़ी टक्कर होगी क्योंकि विपक्षी टीम भी जीत के लिए प्रयास करेगी। जापान और डेनमार्क टीमों ने दो-दो मैचों से तीन-तीन अंक जुटाए हैं। दोनों टीमों के हिस्से एक-एक जीत और इतनी ही हार दर्ज है।जापान ने कैमरून को हराया था जबकि डेनमार्क ने भी अपने ग्रुप की इस सबसे कमजोर टीम को पराजित किया था। इस लिहाज से यह मुकाबला तय करेगा कि इस ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहने का हक किसके पास होना चाहिए।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।