नहीं मिलते थे पहनने को जूते
खली को लेकर चर्चा इसलिए हम कर रहे हैं क्योंकि आज वो अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। खली का वजन 157 किलोग्राम है। यह एक आम इंसान से कई ज्यादा है। वहीं उनके पैर का आकार भी विशाल था। नाैवत यहां तक है कि शुरूआती समय में उनके साइज का जूता नहीं मिलता था। वह मोची को इसके लिए स्पेशल आॅर्डर देते हैं। खली के जूते का नंबर 18 है। वहीं सीना 53 नहीं बल्कि 63 इंच का है। उनका यह बड़ा शरीर एक्रोमिगेली नामक बीमारी के कारण हुआ है। यह बीमारी उन्हें बचपन में ही लग गई जिस कारण उनका कद बढ़ता गया। एक्रोमेगाली ऐसी बीमारी है जिस कारण तेजी से हार्मोन बढ़ते हैं जिस कारण शरीर जल्द बड़ा आकार लेने लगता है।
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गरीबी दाैर से गुजरा है हिमाचल का ये सपूत
खली आज अपनी पहचान के मोहताज नहीं है। लेकिन एक समय ऐसा भी था कि वो अपना घर चलाने के लिए सड़क पर हाथों से पत्थर तोड़ने के लिए मजबूर थे। इनका जन्म हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के धिराइना गांव में एक गरीब पंजाबी राजपूत फैमिली में हुआ था। उनके पिता ज्वाला राम एक किसान थे और मां तंदी देवी एक हाउस वाइफ थी, जो खेती में पति की सहायता करती थी। खली घर का गुजारा करने के लिए दूसरे गावों में जाकर मजदूरी करते थे। लेकिन उनकी किस्मत तब बदली जब एक पंजाब पुलिस के एक अफसर ने देखा और उनके भीमकाय शरीर को देखकर पंजाब पुलिस में भर्ती होने की सलाह दी और वहां जाने का खर्च भी दिया। साल 1993 में पुलिस में भर्ती होने से पहले खली सिक्योरिटी गार्ड की नाैकरी हिमाचल में ही करते थे।
डेब्यू में अंडरटेकर को किया था चित्त
खली ने WWE रिंग में पहली बार 7 अप्रैल 2006 को कदम रखा था। उस समय रिंग में द अंडरटेकर का डंका बजता था, लेकिन भारत के इस शेर ने डेब्यू के दाैरान अंडरटेकर को चित्त करते हुए पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था खली WWE रिंग में कदम रखने वाले पहले भारतीय रैसलर बने थे। उनका डेब्यू तब हुआ जब स्मैकडाउन में अंडरटेकर और मार्क हैनरी के बीच मुकाबला चल रहा था। अंडरटेकर मार्क हैनरी पर भारी पड़ रहे थे, कि तभी खली ने एंट्री मारी। उन्होंने रिंग में आकर अंडरटेकर पर अटैक कर दिया। साल 2007 में डैब्यू के एक साल बाद ही खली WWE में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारतीय रैसलर बने।