कोच्चि। कोच्चि में वेस्टइंडीज के हाथों करारी हार से भारतीय टीम सन्नाटे में है। अपने ही घर में वेस्टइंडीज जैसी कमजोर टीम से हार क्रिकेट प्रेमी भी नहीं पचा पा रहे हैं। हार भी कोई ऐसी-वैसी नहीं पूरे 124 रनों से पिटी है भारतीय टीम।
ऐसे में जब चार महीने बाद ही विश्व कप होने वाला है तो हार के कारण जानना जरूरी हो जाता है।
कारण नंबर एक- टॉस जीतकर क्यों नहीं की पहले बल्लेबाजी
भारतीय कप्तान धोनी ने मैच का महत्वपूर्ण टॉस जीता। इसके बावजूद उन्होंने मेहमानों को बल्लेबाजी करने को कहा, कप्तान का ये दांव उल्टा पड़ गया। वेस्टइंडीज ने 321 रन बनाकर भारतीय टीम को दबाव में ला दिया। अगर मैच सुबह शुरू होता तो माना जा सकता था कि धोनी सुबह की नमी का फायदा उठाना चाहते थे लेकिन दोपहर के मैच में तो वैसे ही पिच सूखी होती है। वैसे भी पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम पर कोई दबाव नहीं होता।लक्ष्य का पीछा करते हुये दबाव ज्यादा होता है। शायद यहीं धोनी से चूक हो गयी।
कारण नंबर दो- भारतीय गेंदबाज रहे असरहीन
हालांकि ऐसी आशंका पहले ही थी कि भारतीय गेंदबाज पिटेंगे, लेकिन इतनी बुरी पिटाई होगी किसी ने नहीं सोचा था, खासकर स्पिनरों ने खासा निराश किया। अमित मिश्रा 10 ओवर में 72 रन लुटाकर गेंदबाजों में सबसे बड़े विलेन बन गये। भुवनेश्वर ने बल्लेबाजों को बांधे रखा, इसका फायदा शमी को मिला और उन्होंने चार विकेट लिये। लेकिन दूसरे स्पिनर रविन्द्र जडेजा उतने मारक साबित नहीं हुये जितनी उम्मीद थी। अगर अपनी ही पिच पर गेंदबाज 300 से ज्यादा रन लुटा दें तो फिर बल्लेबाजों से हर बार आप चेज करने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।
कारण नंबर तीन - टॉप ऑर्डर का फ्लॉप शो
भारतीय ओपनरों ने पहले विकेट के लिये 49 रन जरूर जोड़े, लेकिन जब आप 300 से ज्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा करते हैं तो तीन अंकों में साझेदारी होने से जीतने की संभावना बढ़ जाती है। भारतीय ओपनर ऐसा करने में असफल रहे। फर्स्ट डाउन कोहली, सेकंड डाउन रायुडू और थर्ड डाउन सुरेश रैना क्रीज पर पैर नहीं जमा सके जिससे जीत की रही सही उम्मीद भी हवा हो गयी।
कारण नंबर चार - नहीं हो सकी एक भी बड़ी साझेदारी
जब टीम बड़े लक्ष्य का पीछा करती है तो दो-तीन बड़ी साझेदारियां ही मैच जिताती हैं लेकिन भारतीय बल्लेबाज ऐसा करने में नाकाम रहे। वेस्टइंडीज की पारी में डेरेन ब्रावो और ड्वेन स्मिथ ने दूसरे विकेट के लिये 64 रनों की साझेदारी की। फिर मर्लन सेमुअल्स और दिनेश रामदीन की चौथे विकेट के लिये 165 रनों की साझेदारी ने उनका स्कोर तीन सौ के पार पहुंचाने में मदद की. भारत की ओर से 50 रन की एक साझेदारी भी नहीं हो सकी।
कारण नंबर पांच - नहीं दिखा टीम एफर्ट
भारत की हार का सबसे बड़ा और अहम कारण रहा टीम के सामूहिक प्रयास में कमी. क्रिकेट एक टीम गेम है। इसमें ग्यारहों खिलाड़ियों को जीत के लिये योगदान करना पड़ता है. वेस्टइंडीज जहां जीत के लिये एकजुट होकर खेली, वहीं भारतीय खिलाड़ियों का टीम एफर्ट जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था। वेस्टइंडीज के जहां छह गेंदबाजों ने भारत के 10 विकेट आपस में बांटे वहीं भारत के सिर्फ तीन गेंदबाज ही विंडीज के 6 विकेट चटका पाये।