नई दिल्ली। भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने साबित कर दिया है कि उनके लिए इंसानियत से बढ़कर कुछ भी नहीं है। 2012 के लंदन ओलंपिक में कुश्ती का कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर ने बुधवार को दो ट्वीट ऐसे किए जिनकी वजह से लोगों के दिल में उनकी खास जगह बन गई है।
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योगेश्वर के कांस्य पदक को हाल ही में रजत पदक में तब्दील किया गया है क्योंकि रजत पदक विजेता रहे रूसी पहलवान बेसिक कुदुखोव को डोपिंग में संलिप्त पाया गया। हालांकि, योगेश्वर ने खुद भी इस बात को कहा था लेकिन उनकी बात को पहले तवज्जो नहीं दी गई थी। अब जांच पूरी होने के बाद उनकी बात सही निकली है।
योगेश्वर चाहते हैं कि अब उन्हें रजत पदक न दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पदक को बेसिक कुदुखोव के परिजनों के ही पास रहने देना चाहिए। आपको बता दें कि बेसिक कुदुखोव की एक कार एक्सिडेंट में मौत हो चुकी है।
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योगेश्वर दत्त ने अपनी मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए ट्विटर पर लिखा,'बेसिक कुदुखोव एक शानदार पहलवान थे। मौत के बाद उनका डोप टेस्ट में फेल होना दु:खद है। खिलाड़ी के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं।'
Besik Kudukhov शानदार पहलवान थे। उनका मृत्यु के पश्चात dope test में fail हो जाना दुखद हैं। मैं खिलाड़ी के रूप में उनका सम्मान करता हूँ।
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) August 31, 2016
योगेश्वर ने इसके बाद एक और ट्वीट में लिखा,'अगर संभव हो तो सिल्वर मेडल उनके परिवार के पास ही रहने दिया जाए। यह उनके परिवार के लिए भी सम्मानपूर्ण होगा। मेरे लिए मानवीय संवेदना सर्वोपरि है।'
अगर हो सके तो ये मेडल उन्ही के पास रहने दिया जाए। उनके परिवार के लिए भी सम्मानपूर्ण होगा। मेरे लिए मानवीय संवेदना सर्वोपरि है।
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) August 31, 2016
बेसिक कुदुखोव दो बार के ओलंपिक पदक विजेता थे। इसके साथ ही उन्होंने चार बार विश्व चैंपियन का खिताब जीता है। लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने के एक साल बाद ही उनकी एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।