नई दिल्ली। शिव थापा (63 किलो), पूजा रानी (75 किलो) और आशीष (69 किलो) ओलंपिक मुक्केबाजी टेस्ट टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गए लेकिन चार अन्य भारतीयों को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। पुरुष वर्ग में थापा ने सेमीफाइनल में जापान के डायसुके नारिमत्सु को मात दी जबकि महिला वर्ग में रानी ने ब्राजील की बीट्रीज सोएरेस को शिकस्त देकर खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बनाई। रानी इस साल एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुकी हैं।
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफार्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा ,'' शिव और पूजा ने कड़े मुकाबलों में जीत दर्ज की। दोनों का प्रदर्शन शानदार रहा।'
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इस बीच, पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन निखत जरीन (51 किग्रा) और वाहलीमपुइया (75 किग्रा) को अपने-अपने सेमीफाइनल मुकाबले में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
शाम के सत्र में आशीष (69 किलो) ने जापान के हिरोकी किंज्यो को हराकर फाइनल में जगह बनाई। पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन निकहत जरीन (51 किलो), सिमरनजीत कौर (60 किलो, एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता सुमित सांगवान (91 किलो) और वालिमपुइया (75 किलो) को सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य से ही संतोष करना पड़ा।
ये सभी मुक्केबाज बिना लड़े सेमीफाइनल में पहुंचे थे क्योंकि उनके भारवर्ग में प्रतियोगी कम थे । जरीन को जापान की सना कावानो ने हराया जबकि वालिमपुइया को स्थानीय मुक्केबाज युइतो मोरिवाकी ने मात दी।
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सांगवान को कजाखस्तान के एबेक ओरलबे ने हराया जबकि सिमरनजीत को भी कजाखस्तान की रिम्मा वोलोसेंको ने परास्त किया। जरीन को जापान की सना कावानो से जबकि वाहलीमपुइया को युइतो मोरीवाकी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।