ब्रैडमैन की लिस्ट में शामिल हुए लाबुशेन
पहले दिन का खेल खत्म होने तक मार्नस लाबुशेन 275 गेंदों का सामना कर चुके हैं और 7 चौकों की मदद से नाबाद 95 रनों के स्कोर पर खेल रहे हैं। लाबुशेन टेस्ट क्रिकेट में अपने छठे शतक के करीब हैं लेकिन इससे पहले ही उन्होंने एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज डॉन ब्रैडमैन की खास लिस्ट में शुमार हो गये। एडिलेड के मैदान पर खेले जा रहे इस मैच में जैसे ही मार्नस लाबुशेन ने अपना 46वां रन पूरा किया वैसे ही उनके टेस्ट क्रिकेट में 2000 रन भी पूरे हो गये। मार्नस लाबुशेन ने यह आंकड़ा अपनी 34वीं पारी में पूरा किया और सबसे तेज 2 हजार रन पूरा करने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की लिस्ट में तीसरे पायदान पर काबिज हो गये।
इतना ही नहीं ओवरऑल टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 2 हजार रनों के आंकड़े पर पहुंचने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो लाबुशेन पांचवे पायदान पर काबिज हो गये हैं। इस फेहरिस्त में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज सर डॉन ब्रैडमैन (15 मैच, 22 पारियां), वेस्टइंडीज के जॉर्ज हेडली (17 मैच, 32 पारियां), इंग्लैंड के हर्बर्ट सटक्लिफ (22 मैच, 33 पारियां), ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी (20 मैच, 33 पारियां) और मार्नस लाबुशेन (20 मैच, 34 पारियां) का नाम शामिल है।
सहवाग-द्रविड़ को भी पीछे छोड़ा
मार्नस लाबुशेन के अब तक के टेस्ट करियर की बात करें तो वो 20 मैच की 34 पारियों में 64.19 की औसत से अब तक 2054 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 5 बार शतकीय पारियां निकली हैं, जिसमें से एक दोहरा शतक भी है। लाबुशेन ने अपने छोटे से टेस्ट करियर में अब तक 17 बार अर्धशतकीय पारियां खेली हैं और 216 रन उनका निजी बेस्ट स्कोर रहा है। लाबुशेन ने सबसे तेज 2000 रन पूरा करने के मामले में दुनिया के कई बड़े दिग्गज खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा जिसमें भारत के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ का नाम भी शामिल है।
मार्नस लाबुशेन ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के डग वॉल्टर्स (22 टेस्ट, 35 पारियां), वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा (22 टेस्ट, 35 पारियां), वेस्टइंडीज के सर विवियन रिचर्डस (21 टेस्ट, 36 पारियां), भारत के राहुल द्रविड़ (25 मैच, 40 पारियां) और वीरेंदर सहवाग (25 मैच, 40 पारियां) को पीछे छोड़ा।
पिंक बॉल टेस्ट में दो बार मिला जीवनदान
गौरतलब है कि मार्नस लाबुशेन की इस बेहतरीन पारी के पीछे इंग्लैंड की खराब फील्डिंग को भी श्रेय दिया जाना चाहिये जिसने एक बार नहीं बल्कि दो बार इस खिलाड़ी को जीवनदान दिया। मार्नस लाबुशेन को यह दोनों जीवनदान इंग्लैंड के विकेटकीपर जोस बटलर ने दिये जिन्होंने सलामी बल्लेबाज मार्कस हैरिस को आउट करने के लिये बेहतरीन कैच लपका था लेकिन लाबुशेन के कैच को दो बार छोड़ा।
लाबुशेन को पहली बार जीवनदान तब मिला जब वो महज 21 रन के स्कोर पर खेल रहे थे और बेन स्टोक्स पारी का 35वां ओवर लेकर आये थे। ओवर की तीसरी गेंद पर लाबुशेन के ग्ल्वस से गेंद छूकर निकली जिसे पकड़ने के लिये जोस बटलर पहले ही आगे निकल गये थे। मार्कस हैरिस के मुकाबले यह बहुत ही आसान कैच था लेकिन गेंद उनके हाथ से निकल कर बाहर आ गिरी। इसके बाद लाबुशेन को दूसरा जीवनदान 95 रन के स्कोर पर मिला जब जेम्स एंडरसन पारी का 85वां ओवर फेंकने आये थे। इस ओवर की चौथी गेंद लाबुशेन के बल्ले से लगकर पीछे गई लेकिन बटलर को उस तक पहुंचने में देर हो गई और एक बार फिर से वो कैच को पूरा करने में नाकाम रहे और इस बल्लेबाज को दूसरा जीवनदान दिया।