सॉफ्ट डिसमिसल का शिकार हो रहे हैं रहाणे
हालांकि ऐसा हो नहीं सका और अजिंक्य रहाणे ने 23 गेंदों का सामना करने के बाद जेम्स एंडरसन की एक आउट स्विंग गेंद को जबरदस्ती छेड़कर कप्तान जो रूट को पहली स्लिप में कैच थमा दिया। यह एक ऐसी गेंद जिसे कोई भी इनफॉर्म बल्लेबाज आसानी से छोड़ सकता था लेकिन रहाणे के खराब फॉर्म का दबाव उनके शॉट सेलेक्शन पर भी नजर आने लगा है और एक सॉफ्ट डिसमिसल के रूप में उन्होंने अपना विकेट खो दिया।
लॉर्डस के मैदान पर खेले जा रहे इस मैच की पहली पारी को जोड़कर अजिंक्य रहाणे ने साल 2021 में अब तक 14 पारियों में महज 20.69 की औसत से रन बनाये हैं और ज्यादातर समय तक उनकी बल्लेबाजी में रनों का अकाल देखने को मिला है। हालांकि रहाणे के रनों के सूखे से ज्यादा उनके आउट होने के तरीके ने सवालिया निशान खड़े किये हैं। नॉटिंघम टेस्ट मैच में उन्होंने महज 5 रन के स्कोर पर खुद दौड़ कर अपना विकेट रन आउट के रूप में खो दिया और हर पारी के साथ वो और भी ज्यादा नर्वस नजर आ रहे हैं।
करियर के सबसे खराब दौर में रहाणे
अजिंक्य रहाणे के सालाना टेस्ट करियर की बात करें तो यह उनका अब तक का सबसे खराब दौर है जिसमें 2021 में उन्होंने 20.69 की औसत से रन बनाये हैं तो वहीं पर 2020 में 38.85 की औसत से रन बनाये थे। रहाणे के लिये सबसे अच्छा साल 2019 था जिसमें उन्होंने 71.33 की औसत से रन बनाये थे तो वहीं पर 2018 में 30.66 की औसत और 2017 में 34.62 की औसत से रन बनाये थे। साल 2021 में रहाणे का सर्वोच्च स्कोर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में आया ता जहां पर उन्होंने पहली पारी में 49 रन बनाये थे लेकिन नील वैग्नर के लेग साइड ट्रैप में फंसकर टॉम लैथम को कैच थमा दिया था।
भारतीय टीम के लिये बोझ बन गये हैं रहाणे
यहां पर भी वैग्नर ने साफ कर दिया था कि वो रहाणे के लिये एक तरह की ही गेंद डालने वाले हैं जिसका पता होने के बावजूद रहाणे ने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया। दूसरी पारी में वो ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर किनारा देकर आसान सा कैच थमा दिया था। रहाणे के लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने उपकप्तान पर भरोसा जताया लेकिन ट्विटर यूजर्स इस खिलाड़ी के प्रति अपनी नाराजगी को रोक नहीं सके और लॉर्डस में आउट होने के बाद जबरदस्त तरीके से ट्रोल कर दिया।
ट्विटर यूजर्स ने अजिंक्य रहाणे के फॉर्म पर सवाल उठाते हुए उन्हें भारतीय टीम के मध्यक्रम पर एक बोझ करार दिया और कहा कि समय आ गया है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को टीम से बाहर कर नये बल्लेबाजों को मौका दिया जाये। रहाणे की तरह पुजारा भी पिछली 20 पारियों में कुछ खास कमाल नहीं कर सके हैं और अपना विकेट खोकर वापस पवेलियन लौटे हैं।