सिग्नल भेजने के लिये बोर्ड ने कप्तानी से हटाया
सीएनएन न्यूज18 से बात करते हुए वासन ने कहा,'मुझे लगता है कि विराट कोहली 2023 वनडे विश्वकप तक इस प्रारूप की कप्तानी करना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने इस प्रारूप में अच्छा काम किया है। भले ही हम उनकी कप्तानी में कोई बड़ी ट्रॉफी नहीं जीते हों लेकिन हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। वह वनडे क्रिकेट में दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं। यह ज्यादा बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है और ऐसे में इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं थी।'
वासन का मानना है कि बोर्ड इसके जरिये एक सिग्नल भेजना चाहता है कि विराट...बस बहुत हुआ, आप अच्छा नहीं कर रहे हो और हमने ज्यादा जीत हासिल नहीं की है, तो यह आपकी सजा है। यही हुआ है और यह चयनकर्ताओं का फैसला नहीं है। यह बोर्ड का फैसला है।
किसी एक वजह से नहीं छिनी कोहली की कप्तानी
जब वासन से आगे पूछा कि बोर्ड के ऐसा फैसला करने के पीछे क्या कारण हो सकता है तो वासन ने कहा कि बोर्ड के ऐसा करने के पीछे कोई एक वजह नहीं रही होगी।
अतुल वासन का मानना है कि विराट कोहली को कप्तानी से हटाने के पीछे बोर्ड को कई मुद्दों पर सोचना पड़ा होगा और उन परेशानियों की वजह से बोर्ड ने कोहली को कप्तानी से हटाने का फैसला किया। इसमे कोहली की बल्लेबाजी फॉर्म, आईसीसी टूर्नामेंट में जीत हासिल कर पाने में नाकाम रहना और राहुल द्रविड़ के नये कोच के रूप में ड्रेसिंग रूम को ज्वाइन करना भी रहा।
बोर्ड को लगा कि पंख कुतरने का यही सही समय
उन्होंने कहा,'विराट कोहली को कप्तानी से हटाने के पीछे कई कारण रहे जिसमें उनकी फॉर्म भी थी। अगर विराट कोहली अच्छा कर रहे होते और भारत नहीं जीत रहा होता तो कोई भी उन्हें छूने की हिम्मत नहीं करता। इतना ही नहीं रवि शास्त्री के कार्यकाल का खत्म होना भी बोर्ड के हक में गया। रवि शास्त्री के बाहर जाने की वजह से एक नई तरह की सोच ड्रेसिंग रूम में आयी है, राहुल द्रविड़ किसी भी तरह की बकवास नहीं झेलते हैं, वह सीधे फैसले लेने पर काम करते हैं और अनिल कुंबले के मामले में भी शायद यही हुआ था। धीरे-धीरे यह सभी चीजें इकट्ठा हो रही थी और बोर्ड ने सोचा कि चलिये अब आगे की ओर देखते हैं, बोर्ड के ज्यादातर लोगों का मानना होगा कि विराट कोहली को हैंडल करना काफी मुश्किल होता जा रहा है, ऐसे में बीसीसीआई को लगा कि उनके पंख कुतरने का यह सही वक्त है। उन्हें यह बताने की दरकार है कि वो जो भी चाहें वैसा नहीं कर सकते हैं, खास तौर से रवि शास्त्री के जाने के बाद।'