नई दिल्ली। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच 2 जून से शुरू होने वाले 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के दूसरे सीजन का आगाज होने जा रहा है। इस सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच एजबास्टन के मैदान पर खेला जायेगा, जिसके बाद पहली बार आयोजित की जा रही आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच खेला जायेगा। 18 जून से साउथैम्पटन के मैदान पर खेले जाने वाले इस फाइनल मैच में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें एक दूसरे का सामना करने उतरेंगी। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ईसीबी ने इस बड़े मैच के लिये फिलहाल सिर्फ 4 हजार दर्शकों को ही मैदान पर आने की अनुमति दी है हालांकि अब रिपोर्ट आ रही है कि वह इस संख्या को बढ़ा सकता है।
दरअसल यूके सरकार की ओर से ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी देखने को मिले उसकी लाभ और हानि को लेकर रिसर्च की जा रही है। इसके तहत ब्रिटिश सरकार ने न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच को अपना पायलट प्रोजेक्ट बनाया है और भारी संख्या में लोगों के एकत्रित होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन कर उससे होने वाले नुकसान और फायदे का आकलन करने के लिये एजबास्टन टेस्ट मैच के दौरान 70 प्रतिशत दर्शकों को स्टेडियम आकर मैच देखने की इजाजत दी है।
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सरकार के इस फैसले के बाद इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच में हर रोज 18 हजार दर्शक स्टेडियम में पहुंचकर मैच देख सकेंगे। रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस मैच को देखने आने वाले लोगों के लिये कई सारे नियम भी बनाये हैं जिनके सफलतापूर्वक आयोजित होने पर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में दर्शकों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार मैच देखने पहुंचने वाले सभी दर्शकों को 24 घंटे पुरानी कोरोना नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट लेकर पहुंचना होगा तभी उन्हें प्रवेश मिल सकेगा। यह टेस्ट एनएचएस रैपिड लैटरल फ्लो टेस्ट के तहत भी कराया जा सकता है। इसके साथ ही दर्शकों को इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिये एक कंसेंट फॉर्म भी भरना होगा, जिसमें वह अपनी सहमति का जिक्र करेंगे। टिकट लेने वाले सभी दर्शक 16 या उससे ज्यादा की उम्र के होने जरूरी है। स्टेडियम में प्रवेश करते हए और लाइन में खड़े होते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है, जबकि मैदान के अंदर और खासतौर से हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य नहीं है। इस बीच सीट पर बैठते हुए और कुछ खाते हुए मुंह को ढकना जरूरी नहीं है।
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गौरतलब है कि यह प्रस्ताव सरकार के सांस्कृतिक सचिव ओलिवर डॉवडेन और इंग्लैंड के आम नागरिक स्वास्थ्य विभाग, ईसीबी, बर्मिंघम सिटी काउंसिल और एजबास्टन सुरक्षा एडवाइजरी ग्रुप की ओर से दिया गया जिस पर सरकार की ओर से मुहर लगाई जा चुकी है। वहीं मैदान पर दर्शकों की वापसी को लेकर ईसीबी ने खुशी जताई है।