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टीम इंडिया ने कब खेला था पहला वनडे मैच, कैसा रहा था प्रदर्शन?

By Ashok Kumar Sharma

नई दिल्ली। भारत के एकदिवसीय क्रिकेट मैच(ODI Cricket) की शुरुआत 1974 के इंग्लैंड(England) दौरे से हुई थी। उस समय टेस्ट क्रिकेट का बोलबाला था। भारतीय टीम(Team India) के अधिकांश सदस्य वनडे क्रिकेट के हिसाब से ढल नहीं पाये थे। भारतीय टीम पूरी तरह स्पिनरों पर निर्भर थी। तब भारत की तेज गेंदबाज बहुत कमजोर थी। भारत का पहला एकदिवसीय मैच बुरा सपना साबित हुआ। फिसड्डी बॉलिंग की वजह से भारत यह मैच हार गया था।

भारत ने 13 जुलाई 1974 को खेला पहला वनडे

भारत ने 13 जुलाई 1974 को खेला पहला वनडे

भारतीय टीम ने 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतकर तहलका मचा दिया था। भारतीय टीम के कप्तान अजीत वाडेकर की हर तरफ जयजय-कार हो रही थी। इसी वाडेकर की कप्तानी में भारतीय टीम 1974 में इंग्लैंड के दौरे पर गयी थी। इस दौरे में भारत को दो वनडे और तीन टेस्ट मैच खेलने थे। प्रैक्टिस मैचों के बाद दौरे की शुरुआत वनडे मैच से हुई। 13 जुलाई 1974 को लीड़स में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने पहला वनडे मैच खेला। भारत का यह पहला वनडे मैच था जब कि इंग्लैंड को फटाफट क्रिकेट खेलने का अनुभव मिल चुका था। कप्तान वाडेकर समेत टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने वनडे में डेब्यू किया।

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कुछ यूं शुरू हुआ मैच

कुछ यूं शुरू हुआ मैच

इंग्लैंड के कप्तान माइक डेनेस ने टॉस जीता और पहले बॉलिंग का फैसला लिया। सुनील गावस्कर और सुधीर नाइक सलामी बल्लेबाज के रूप में मैदान पर उतरे। गावस्कर और नाइक ने अपेक्षाकृत अच्छी शुरुआत दी। 44 रन पर पहला विकेट गिरा। नाइक 18 रन बना कर ऱॉबिन जैकमैन की गेंद पार आउट हुए। इसके बाद कप्तान अजीत वाडेकर मैदान पर उतरे। अभी स्कोर में छह रन और जुड़े थे कि गावस्कर 28 रन बना कर आर्नोल्ड की गेंद पर बोल्ड हो गये। टीम का स्कोर जब 60 रन पहुंचा तो गुंडप्पा विश्वनाथ को बॉब वूल्मर ने चार रन पर बोल्ड कर दिया। नाजुक हालत में विकेटकीपर फारुख इंजीनियर और कप्तान वाडेकर ने भारतीय पारी को संभाला। दोनें ने 70 रनों की साझेदारी कर टीम स्कोर 130 तक पहुंचाया। तभी इंजीनियर को क्रिस ओल्ड ने 32 रनों पर आउट कर दिया। चौथे विकेट के पतन के बाद ब्रजेश पटेल मैदान पर उतरे। वाडेकर और पटेल ने स्कोर में 51 जोड़े थे कि वाडेकर 67 रन बना कर जैकमैन की गेंद पर बोल्ड हो गये। भारत की तरफ से ब्रजेश पटेल ने लाजवाब पारी खेली। उन्होंने 105 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की । पटेल ने 78 गेंदों पर 82 रन बनाये जिसमें आठ चौका और दो छक्का था। इसके बाद एकनाथ सोल्कर ने 3, आबिद अली ने 17, मदन लाल ने 2 और वैंकटराघवन ने 1 रन बनाये। बिशन सिंह बेदी शून्य पर आउट हुए। इस तरह भारतीय टीम ने 53.5 ओवरों में 265 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। हालांकि भारत पूरे 60 ओवर नहीं खेल सका फिर भी पहले एकदिवसीय मैच के हिसाब से उसकी बैटिंग शानदार रही। लेकिन भारत की लचर गेंदबाजी इस स्कोर की रक्षा नहीं कर सकी।

इंग्लैंड के सामने भारतीय गेंदबाजों की एक न चली

इंग्लैंड के सामने भारतीय गेंदबाजों की एक न चली

उस समय भारत के पास केवल नाम के तेज गेंदबाज थे। आबिद अली, एकनाथ सोल्कर और मदन लाल के कंधों पर तेज गेंदबाजी की जिम्मवारी थी। सोल्कर तो मध्यम गति के भी गेंदबाज नहीं थे। मदन लाल और आबिद अली की गेंदबाजी औसत दर्जे की थी। इंग्लैंड की पारी की शुरुआत डेनिस एमिस और डेविड लॉयड ने की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 37 जोड़े कि एमिस को सोल्कर ने पगबाधा आउट कर दिया। 84 के स्कोर पर लॉयड भी आउट हो गये। उन्हें भी सोल्कर ने 34 रनों पर पवेलियन भेजा। 96 रनों पर कप्तान माइक डेनेस भी आउट हो गये। उन्हें मदन लाल ने आउट किया। यहां तक मैच भारत की गिरफ्त में था लेकिन गेंदबाजों ने उम्मीद पर पानी फेर दिया। जॉन एड्रिच ने 90, कीच फ्लेचर ने 39, टॉनी ग्रेग ने 40, एलेन नॉट ने 15 नाबाद और क्रिस ओल्ड ने 5 नाबाद की पारी खेल कर इंग्लैंड को 23 गेंद शेष रहते ही जीत दिला दी। इस तरह इंग्लैंड ने भारत को 4 विकेट से हरा दिया।

कैसा रहा भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन

कैसा रहा भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन

भारतीय टीम अपने दो दिग्गज स्पिनरों बिशन सिंह बेदी और एस वैंकटराघवन पर बहुत भरोसा किये हुए थी। इंग्लैंड के वेदर कंडिशन को देख भारत ने तथाकथित रूप से तीन मध्यम तेज गेंदबाजों को टीम में शामिल किया था। तुरुप का इक्का समझे जाने वाले बेदी सबसे खर्चीले साबित हुए। उन्होंने 11 ओवर गेंदबाजी की और 68 रन लुटाये। वैंकटराघवन ने 11 ओवरों में 58 रन दिये। जिस एकनाथ सोल्कर को किसी ने तबज्जो नहीं दी उन्होंने सबसे किफायती गेंदबाजी की। सोल्कर ने 11 ओवर में एक मेडन रखते हुए केवल 31 रन दिये और दो विकेट भी लिये। आबिद अली ने 9 ओवरों में 51 रन दिये। मदन लाल ने 9.1 ओवर में 43 रन दे कर एक विकेट लिया। बहुत पहले एक दिवसीय मैचों में 250 का स्कोर सेफ माना जाता था। इससे अधिक रन बनाने वाली टीम को जीत का हकदार माना जाता था। भारत ने अपने पहले वनडे में ही ऐसा कर दिखाया लेकिन ढीली गेंदबाजी ने इतिहास रचने का मौका नहीं दिया।

1974 का दौरा भारत के लिए बुरा सपना

1974 का दौरा भारत के लिए बुरा सपना

1974 का इंग्लैंड दौरा भारत के लिए एक बुरा सपना है। भारत के शर्मनाक प्रदर्शन ने लीजेंड क्रिकेटर अजीत वाडेकर का करियर ही खत्म कर दिया। एक शानदार खिलाड़ी का अपमानजनक अंत हुआ। पहले वनडे में हार से जो शुरुआत हुई तो फिर भारत उससे उबर नहीं सका। भारत दूसरा वनडे मैच भी 6 विकेट से हार गया। ये वही सिरीज है जिसमें भारत की पूरी टीम केवल 42 रनों पर ढेर हो गयी थी। भारत ने ये शर्मनाक प्रदर्शन दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में किया था। भारत पहला टेस्ट 113 रनों से हारा था। इस टेस्ट में गावस्कर ने शतक बनाया था लेकिन किसी दूसरे बल्लेबाज ने उनका साथ नहीं दिया था। दूसरे टेस्ट में भारत की हार एक पारी 285 रनों से हुई थी। तीसरे टेस्ट में भी भारत की हार एक पारी और 78 रनों से हुई थी।

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Story first published: Monday, May 6, 2019, 14:26 [IST]
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