नई दिल्ली। जापान में खेले जा रहे टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा ने महिला एकल के ओपनिंग मैच में जीत के साथ आगाज किया है। हालांकि इस मैच में भारतीय टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय के साथ भिड़ती नजर आयी। शनिवार को मनिका बत्रा का सामना ग्रेट ब्रिटेन की टिन-टिन हो के साथ हुआ जिसमें मनिका बत्रा ने 11-7, 11-6, 12-10 और 11-9 की स्कोरलाइन से महज 30 मिनट में हराया। इस मैच के दौरान नेशनल कोच सौम्यदीप रॉय टोक्यो मेट्रोपॉलिटियन जिम में रहकर मनिका बत्रा की मदद करना चाह रहे थे, हालांकि मनिका बत्रा ने नेशनल कोच सौम्यदीप रॉय की मदद लेने से इंकार कर दिया।
इस पूरे मैच के दौरान मनिका बत्रा ने ब्रिटेन की टिन-टिन हो के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और पूरे मैच में अपना दबदबा बनाकर रखा और 4-0 से जीत हासिल की। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए टेबल टेनिस टीम के लीडर एमपी सिंह ने इस पूरी घटना के बारे में बताया।
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उन्होंने कहा,'मनिका बत्रा ने नेशनल कोच सौम्यदीप से किसी भी तरह की मदद लेने से इंकार कर दिया। मनिका ने कहा कि मैं इस व्यक्ति को अपनी बेंच पर मुझे गाइड करने के लिये नहीं चाहती। मैंने मामले में दखल देकर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वो सुनने को ही तैयार नहीं थी।'
एमपी सिंह ने आगे बात करते हुए बताया कि मैंने मनिका को कहा कि वो नेशनल कोच हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मेरा भी कोच आया है। इस घटना के चलते राष्ट्रीय कोच काफी ज्यादा परेशान हो गये थे और कमरे को छोड़कर जाने लगें। हालांकि मैंने उन्हें रोक कर बाकी खिलाड़ियों को कोच करने की विनती की।
गौरतलब है कि मनिका ने इससे पहले भारत के चीफ डिमिशन बीपी बैश्य से अपने निजी कोच संन्मय परानजपे को फील्ड ऑफ प्ले का एक्सेस देने की मांग की थी। हालांकि एमपी सिंह ने आगे बताया कि मनिका के निजी कोच को एफओपी का एक्सेस नहीं दिया गया, ऐसे में टेनिस फेडरेशन को इस मामले में यह फैसला करना होगी कि ऐसी परिस्थिति दोबारा पैदा होती है तो क्या कदम उठाने चाहिये।
उन्होंने कहा,'हम खिलाड़ियों के खिलाफ नहीं लेकिन उन्हें यह बात सरकार को बतानी चाहिये। आखिरी मिनट में उनके निजी कोच को टोक्यो में ट्रैवल करने की छूट मिली लेकिन उन्हें एफओपी एक्सेस नहीं दिया जा सका। मुझे लगता है कि इस घटना को ध्यान में रखते हुए हमें नियम बनाने की जरूरत है ताकि अगर कभी ऐसी चीज दोबारा होती है तो यह निर्धारित हो सके कि किसे फैसला लेना चाहिये।'