Wrestler Ritika Phogat found dead at her uncle and coach Mahavir Singh Phogat's house cousin of Indian wrestling champions Babita and Geeta Phogat: नई दिल्ली। भारतीय महिला पहलवानों की दुनिया में फोगाट परिवार का नाम शायद ही कोई ऐसा हो जिसे न पता हो। इस परिवार ने भारत को गीता फोगाट और बबीता फोगाट जैसे महिला पहलवान देने का काम किया है जिन्होंने देश का नाम अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया है। फोगाट परिवार से आने वाली महिला पहलवानों में कुछ समय पहले ही एक नया नाम जुड़ा था रितिका फोगाट का, जिनकी लाश गुरुवार को अपने कोच और फूफा (अंकल) महावीर फोगाट के घर पर मिली है।
पुलिस ने इस खबर की पुष्टि करते हुए साफ किया है कि 17 वर्षीय रितिका फोगाट की मौत के कारणों पर अभी उचित टिप्पणी नहीं की जा सकती लेकिन फर्स्ट हैंड इंफोर्मेशन से यह मामला आत्महत्या का नजर आता है। पुलिस के अलावा रितिका की बहनें गीता और बबीता फोगाट ने भी अपने सोशल मीडिया से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए खबर की पुष्टि कर दी है।
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राजस्थान के जयपुर में एक गांव की रहने वाली रितिका फोगाट द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच और अपने फूफा महावीर सिंह फोगाट के साथ चरखी दादरी के बलाली गांव में 4 सालों से रहती थी। यहां के थानाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने इस बारे में पीटीआई से बात करते हुए जानकारी दी है। पीटीआई के अनुसार रितिका हाल ही में राजस्थान में हुए एक टूर्नामेंट में मिली हार के बाद से काफी निराश थी और इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया।
रितिका महावीर फोगाट स्पोर्टस अकेडमी में ही ट्रेनिंग किया करती थी। हरियाणा के जिला सुपरिडेंट ऑफ पुलिस राम सिंह बिश्नोई ने साफ किया है कि उनकी मौत को लेकर जांच शुरु कर दी गई है और जल्द ही इस मामले पर रिपोर्ट दी जायेगी।
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वहीं पहलवान बबीता फोगाट ने अपनी बहन रितिका की मौत को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा,'भगवान मेरी छोटी बहन मेरे मामा की लड़की रितिका की आत्मा को शांति दे। मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है। रितिका बहुत ही होनहार पहलवान थी पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया। हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है हमें ऐसा कोई क़दम नहीं उठाना चाहिये।'
उनके अलावा गीता फोगाट ने भी दुख प्रकट करते हुए शोक संदेश लिखा और कहा कि भगवान रितिका की आत्मा को शांति दे। यह समय पूरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है। आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। हार और जीत दोनों जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। हारने वाला एक दिन जीतता भी जरूर है। संघर्ष ही सफलता की कुंजी है संघर्षों से घबराकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।