नई दिल्ली। भारत के लिए एशियन गेम्स का 14वें दिन की शुरूआत काफी शानदार रही। भारत की तरफ से बॉक्सिंग रिंग में उतरे अमित पंघल ने गोल्डन पंच लगाते हुए भारत की शुरुआत गोल्ड से कराई। 49 किग्रा के फाइनल मुकाबले में अमित पंघल ने उज्बेकिस्तान के हसनबॉय को मात दी।अमित पंघल ने 18वें एशियाई खेलों के 13वें दिन शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों की 49 किलोग्राम स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया था। गोल्ड जीतने के बाद अमित काफी भावुक हो गए। मेडल लेने के बाद पोडियम पर।उनकी आखों में खुशी के आंसू दिख रहे थे।
#AsianGames2018 : India's Amit Panghal wins gold medal in Men's 49 kg Boxing final. pic.twitter.com/MffzC5w1xx
— ANI (@ANI) September 1, 2018
भारत के अमित ने ओपन गार्ड के साथ शुरुआत की और इसके बाद हाई गार्ड लिया। अमित के सामने ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट की चुनौती थी। भारतीय खिलाड़ी ने हसनबॉय को गिरा दिया। सेमीफाइनल के मुकाबले की तुलना में अमित यहां ज्यादा अटैकिंग दिख रहे थे।पहले राउंड में भारतीय मुक्केबाज ने बराबर की टक्कर दी। दूसरा और तीसरा राउंड अमित ने काफी संभल कर खेला और भारत की झोली में गोल्ड डाल दिया। अमित ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी और विश्व नंबर एक मुक्काबाज हसनबॉय को हराकर इतिहास रचा।
ये भी पढ़ें-Asian Games 2018 : 'जख्मी' विकास ने रचा इतिहास, भारत को दिलाया बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज
इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाले अमित ने सेमीफाइनल में फिलीपींस के पालम कार्लो को 3-2 से मात देकर फाइनल में जगह पक्की की थी।
अमित के लिए यह जीत आसान नहीं रही। उन्हें शुरू से काफी कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में अमित का डिफेंस काम आया जिसके दम पर वह ज्यादा अंक बटोरने में सफल रहे।कार्लो पहले सेकेंड से ही बेहद आक्रामक थे और अमित पर मुक्के बरसा रहे थे। शुरुआत में अमित कमजोर पड़े, लेकिन वक्त रहते उन्होंने अपने गार्ड को संभाला और बेहतरीन रक्षात्मक खेल दिखाया। इस बीच वह कुछ अच्छे जैब मारने में भी सफल रहे।
दूसरे राउंड में अमित ने अपने डिफेंस को और मजबूत किया। साथ ही कार्लो को चकमा देने की नीति अपनाई जो कारगर साबित हुई। इस नीति ने अमित को आक्रामक खेलने का मौका भी दिया जिससे वह सटीक पंच मारने में कामयाब रहे।तीसरे राउंड की शुरुआत अमित ने धैर्य को साथ मुकाबला इतना कड़ा था कि पांच रेफरियों में से तीन ने अमित के पक्ष में फैसला किया तो वहीं दो ने कार्लो के।